Saturday, April 20, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

अब नेलांग घाटी भी होगा पर्यटकों से गुलजार, सेना से मिली मंजूरी

अंग्वाल न्यूज डेस्क
अब नेलांग घाटी भी होगा पर्यटकों से गुलजार, सेना से मिली मंजूरी

देहरादून। उत्तराखंड में स्थित प्रसिद्ध नेलांग घाटी में पर्यटक भी जा सकेंगे। सेना की ओर से इसकी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। प्राकृतिक खूबसूरती से लबालब इस घाटी को 1962 में भारत-चीन की लड़ाई के बाद इसे पूरी तरह से लोगों की आवाजाही के लिए बंद कर  दिया गया था। हालांकि साल में एक बार स्थानीय लोगों के धार्मिक कार्यकलापों के लिए इसे एक बार खोला जाता था लेकिन अब इसे पर्यटकों के लिए भी खोला जा रहा है। इसके साथ ही पर्यटक सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा। बता दें कि पर्यटकों को वहां रात में रुकने की इजाजत नहीं दी गई है। 

गौरतलब है कि उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाके में स्थित नेलांग घाटी में भी फूलों की घाटी की ही तरह पर्यटकों की आवाजाही की अनुमति दी गई है लेकिन उन्हें रात में उन्हें घाटी में रुकने की इजाजत नहीं दी गई है। बता दें कि चीन से 1962 में हुए युद्ध के बाद नेलांग घाटी को गैर सैनिकों की आवाजाही के लिए बंद कर दी थी। हालांकि स्थानीय लोगों को साल में एक बार धार्मिक कार्यों के लिए वहां जाने की अनुमति दी जाती है।

देश की रक्षा में ऋषिकेश का एक और जवान हुआ शहीद, विधानसभा अध्यक्ष ने घर जाकर दी सांत्वना


यहां बता दें कि नेलांग घाटी में सालों भर बर्फ जमे रहने की वजह से कोई वनस्पति पैदा नहीं होती है। इस वजह से इसे पहाड़ी रेगिस्तान भी कहा जाता है। अब प्रदेश सरकार के द्वारा इस इलाके में पर्यटन की सुविधाओं के विकास के लिए सेना से अनुमति ले ली गई है। 

राज्य के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि सेना प्रमुख से हुई बातचीत के बाद 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इस क्षेत्र में पर्यटन सुविधाओं के विकास का रास्ता साफ हो गया है। गौर करने वाली बात है कि नेलांग घाटी में यहां आने वालों के लिए किसी तरह की कोई सुविधा नहीं है। 

Todays Beets: