देहरादून। राज्य में रोजगार की समस्या दूर करने के लिए सरकार कई तरह के उपाय कर रही है। सरकार ने कहा है कि राफ्टिंग, क्याकिंग और पैरा ग्लाइडिंग की नियमावली बनने से न सिर्फ साहसिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा। सरकार का मानना है कि साहसिक पर्यटन के शुरू होने से स्वरोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी और राज्य से होने वाले पलायन पर रोक लगेगी। राफ्टिंग के लिए अब लाईसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
गौरतलब है कि साहसिक खेलों के लिए अभी तक योग्यता के मानक तय नहीं थे। अब जो मानक तय किए गए हैं उसमें टेंडम पायलट की न्यूनमत शिक्षा 10वीं रखी गई है। इसके लिए कम से कम 100 घंटे उड़ान का अनुभव वाले नौजवानों को ही पायलट का लाईसेंस दिया जाएगा। वहीं टेंडम पायलट के रूप में कम से कम 50 घंटे हवाई दूरी तय की हो।
ये भी पढ़ें - शिक्षामित्रों को सरकार ने दिया बड़ा झटका, बिना टीईटी नहीं होंगे स्थाई
यहां बता दें कि पैराग्लाइडिंग के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक रखी गई है। पैराग्लाडिंग पायलट के लिए 200 घंटे उड़ान का अनुभव जरूरी है। मास्टर अनुदेशक के पास 400 घंटे का अनुभव होना चाहिए। प्रदेश सरकार का कहना है कि नई नियमावली के बनने से राफ्टिंग पर लगी रोक दूर हो सकेगी।
गौर करने वाली बात है कि कोई नियमावली न होने की वजह से ही राफ्टिंग पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। सरकार का कहना है कि नई नियमावाली को अदालत में रखा जाएगा और राफ्टिंग पर लगी रोक को खत्म कराया जाएगा। नई नियमावली में गंगा से 100 मीटर दूरी तक वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है। 14 साल से कम और 65 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए राफ्टिंग और 18 साल से कम और 50 से ज्यादा उम्र वालों के लिए क्याकिंग प्रतिबंधित रहेगी। 16 फीट लंबी राफ्ट में आठ पर्यटक, एक गाइड, एक प्रशिक्षु गाइड रहेंगे। 14 फीट लंबी राफ्ट में छह पर्यटन, एक गाइड, एक प्रशिक्षु गाइड रहेंगे। बिना हेलमेट राफ्टिंग, क्याकिंग को मंजूरी नहीं दी जाएगी। हर गाइड को रेडक्रास, सेंट जांस एंबुलेंस समेत संबंधित संस्थाओं से प्राथमिक चिकित्सा से संबंधित वैध प्रमाण पत्र लेना होगा। 10 साल तक लाइसेंस ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं होगा।