टिहरी। साहसिक खेलों में दिलचस्पी रखने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। भारत के दूसरे सबसे ऊंचे बांध की झील टिहरी में करीब ढाई महीने इंतजार के बाद यहां एक बार फिर से वाटर स्पोर्टस को शुरू कर दिया गया है। सोमवार को झील किनारे कोटी काॅलोनी में विश्वकर्मा पूजा के साथ ही 56 व्यवसायिक बोटों का संचालन शुरू हो गया है। झील में रोमांच का सफर करने के लिए पहले दिन देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी और अन्य स्थानों से 50 से अधिक पर्यटक इस खेल का लुत्फ लेने के लिए पहुंचे। टिहरी के विधायक धन सिंह नेगी और अन्य नेताओं ने हरी झंडी दिखाकर इस खेल का शुभारंभ किया।
गौरतलब है कि वाटर स्पोर्टस का प्रशिक्षण लेने के लिए प्रदेश के युवाओं को अक्सर गोवा जाना पड़ता है। ऐसे में सरकार की तरफ से अब उन युवाओं को प्रशिक्षण लेने के लिए कोटी काॅलोनी में ही कृत्रिम झील तैयार करने पर विचार किया जाएगा। पर्यटकों को सुविधा देने के लिए झील के आसपास होटलों, लॉजों और आने जाने के लिए रास्तों का विस्तार करने का काम चल रहा है।
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यहां बता दें कि वाटर स्पोर्टस को हरी झंडी दिखाने के दौरान बोट युनियन के लोगों ने विधायक को ज्ञापन देते हुए बोट लाइसेंस शुल्क 60 हजार से घटाकर 30 हजार करने की मांग की है। इसके साथ ही पर्यटकों के लिए शौचालय और प्रतीक्षालय के निर्माण की भी मांग की है।
गौर करने वाली बात है कि राज्य में वाटर स्पोर्टस के लिए नीति तैयार न होने पर हाईकोर्ट के निर्देश पर बीते 23 जून से टिहरी झील विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण (टाडा) ने टिहरी झील में बोटों का संचालन बंद कर दिया था। इस आदेश के बाद झील क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ गई थी। अब एक बार फिर से वाटर स्पोर्टस के शुरू होने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने की संभावना जगी है।