देहरादून। उत्तराखंड देखने में भले ही छोटा राज्य है और यहां से रोजगार की तलाश में लोगों का लगातार पलायन जारी है लेकिन यहां करोड़पतियों और अरबपतियों की कोई कमी नहीं है। नोटबंदी के दौरान करीब 400 से ज्यादा ऐसे लोगांे के बारे में पता चला है जिनके खातों में एक-एक करोड़ रुपये से ज्यादा के लेन-देन किए गए हैं। इनकम टैक्स कमिश्नर पीके गुप्ता के अनुसार उत्तराखंड में नोटबंदी के दौरान ढाई लाख रुपये से ज्यादा बैंक में जमा करने वाले कुल 3255 मामलों में नोटिस जारी किए गए हैं। आयकर कमिश्नर ने कहा कि इस मामले में सीबीडीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स) को रिपोर्ट भेज दी गई है।
गौरतलब है कि नोटबंदी के दौरान खातों में नकद जमा कराने वालों में से 90 फीसदी लोग मैदानी इलाकों के हैं। बता दें कि खाते में एक करोड़ से ज्यादा की राशि जमा कराने वाले 400 से ज्यादा लोगों में से 39 ने अभी तक आयकर विभाग के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है। इन लोगों पर 31 मार्च के बाद आयकर विभाग कार्रवाई कर सकता है।
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आपको बता दें कि आयकर कमिश्नर के अनुसार 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक नगद जमा करने वालों की संख्या 600 है जबकि ढाई लाख से 50 लाख रुपये नगद जमा करने वालों की संख्या 2161 है। उन्होंने बताया कि इन सभी की जांच की जा चुकी है। ढाई लाख से ज्यादा जमा करने वाले कई मामलों में नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया है इसमें 50 फीसदी संदिग्ध खाते हैं।
आयकर विभाग के मुताबिक एक करोड़ रुपये अधिक नगद जमा करने वालों में ज्यादातर पेट्रोल पंप संचालक, निजी नर्सिंग होम संचालक, रियल एस्टेट कारोबारी हैं। इन सभी के रिकाॅर्ड और लेन-देन के मामलों की जांच की जा चुकी है।