देहरादून। केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय के नए दिशा-निर्देश के बाद उत्तराखंड परिवहन विभाग भी सख्त हो गया है। परिहवन विभाग ने सड़कों पर चलने वाले ई-रिक्शा को लेकर कड़ा कदम उठाया है। विभाग ने कहा है कि पंजीकृत व्यक्ति ही ई-रिक्शा चलाएगा अन्यथा उसका पंजीकरण रद्द कर रिक्शा को सीज कर लिया जाएगा। यहां बता दें कि शहरी क्षेत्रों से दूर रहने वाले लोगों की यात्रा का आसान बनाने के लिए ई-रिक्शा को परमिट दी गई थी। कई लोगों ने अपने अलावा परिजनों के नाम पर भी रिक्शा खरीद लिया और उसे किराए पर देकर चलवाने लगे। विभाग की ओर से कहा गया है कि पंजीकृत रिक्शा से ज्यादा रिक्शा पर कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि शहर के अंदर यातायात की सुविधा को आसान बनाने के लिए शहर के मुख्य सड़कों को छोड़कर अन्य मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन शुरू किया गया था। इसके बाद कई लोगों ने एक साथ कई रिक्शा खरीद ली और उसे किराया पर चलवाने लगे। बताया जा रहा है कि परिवहन विभाग में 1200 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं लेकिन सड़कों पर 1400 रिक्शा दौड़ रहीं हैं। वहीं किराया निर्धारित नहीं होने की वजह से चालक यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं।
यहां बता दें कि कई रिक्शा चालकों का कहना है कि प्रतिदिन 300 रुपये लेकर किराए पर रिक्शे चलवाए जा रहे हैं। यात्रियों से मनमाना किराया वसूलने के मामले पर आरटीओ ने सख्ती बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है।
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ई रिक्शे के लिए केंद्रीय परिवहन विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार, जिस व्यक्ति को ई रिक्शा का लाइसेंस जारी किया जाएगा, वही उसे चलाएगा। अगर लाइसेंसधारक के अलावा कोई दूसरा व्यक्ति ई रिक्शा चलाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। इसके तहत उसे बंद करने के साथ ही पंजीकरण रद्द कर रिक्शा सीज भी किया जा सकता है।