देहरादून। उत्तराखंड के नौजवानों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी बहादुरी के झंडे गाड़े हैं। अब इस फेहरिस्त में टिहरी के पंकज सेमवाल का नाम भी जुड़ गया है। पंकज की बहादुरी के चलते उनका चयन राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए हुआ है। यह पुरस्कार उन्हें नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति के हाथों दिया जाएगा।
कई अन्य आवेदकों में हुआ चयन
गौरतलब है कि राज्य बाल कल्याण परिषद से राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2017 के लिए भारतीय बाल कल्याण परिषद को आवेदन भेजे गए थे। इस आवदेन में ऊधमसिंह नगर की कनिका, टिहरी के पंकज, चमोली के ईश्वर सिंह के साथ यूएसनगर के अभय गुप्ता, अक्षय गुप्ता और युवराज चावला का नाम संयुक्त रूप से भेजा गया था। परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुशील चंद्र डोभाल ने बताया कि इनमें से पंकज के नाम का चयन किया गया है।
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गुलदार से बचाई जान
बता दें कि टिहरी के प्रतापनगर स्थित नारगढ़ निवासी पंकज सेमवाल की मां खेती कर परिवार चलाती हैं। 10 जुलाई 2016 को पंकज अपनी मां विमला देवी और भाई-बहनों के साथ घर की दूसरी मंजिल के बरामदे में सोया था। रात करीब 10 बजे एक गुलदार विमला देवी पर झपट पड़ा। मां की पुकार सुन नींद से जगे पंकज ने डंडे से गुलदार पर एक के बाद एक कई वार किए और किसी तरह मां की जान बचाई थी।