हरिद्वार। अब तक ऐसा कहा जाता रहा है कि लोग कार्रवाई होने की उम्मीद से प्रधानमंत्री कार्यालय चिट्ठियां भेजते हैं। उनपर कार्रवाई शायद ही होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। प्रधानमंत्री के नाम लिखी हर चिट्ठी का संज्ञान लिया जाता है। इसका उदाहरण अभी हाल ही में देखने में आया है जब हरिद्वार के एक 11 साल के बच्चे ने पीएम को पत्र लिखकर मगरमच्छ से निजात दिलाने की बात की। अब वन विभाग पीएमओ के निर्देश पर कार्रवाई कर रहे हैं।
मगरमच्छ से परेशान
गौरतलब है कि हरिद्वार के खानपुर इलाके के लोग वहां पास के एक छोटे तालाब में रहने वाले मगरमच्छ से परेशान थे। उनलोगों ने वन विभाग से इस बाबत कई बार शिकायत भी की लेकिन विभाग ने उन लोगों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया। मगरमच्छ के खौफ की वजह से इलाके के बच्चे मैदान में खेल भी नहीं पाते थे। इससे परेशान होकर इलाके के एक 11 साल के छात्र मयंक ने प्रधानमंत्री को इसके लिए चिट्ठी लिख दी। उसने चिट्ठी में मोदी अंकल लिखकर अपनी परेशानी बताई थी।
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बच्चे की चिट्ठी पर कार्रवाई
बता दें कि मयंक ने टीवी और रेडियो पर सुनी बातों के आधार पर पीएम मोदी को पत्र तो लिख दिया लेकिन कार्रवाई होगी इस बात की उम्मीद कम ही थी लेकिन चिट्ठी मिलने के बाद पीएमओ ने उसका संज्ञान लिया और वन विभाग को जरूरी निर्देश दिए। जब वन विभाग के कर्मचारियों ने इस मगरमच्छ को पकड़ने का काम शुरू कर दिया तो इलाके के लोगों को लगा कि कार्रवाई हुई है। पूछने पर कर्मचारियों ने पीएमओ से पत्र मिलने की बात की पुष्टि की। चिट्ठी पर कार्रवाई होने के बाद मयंक ने प्रधानमंत्री को थैंक्यू मोदी अंकल भी लिखा।