देहरादून। देहरादून में एक कबाड़ी के पास से सेना के प्रतिबंधित कारतूसों के खोखों और 100 से ज्यादा जिंदा कारतूस मिलने से हड़कंप मच गया है। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में कबाड़ी समेत तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है। सूचना मिलने पर आर्मी इंटेलीजेंस से लेकर खुफिया तंत्र के अधिकारियों ने कैंट कोतवाली में आरोपियों से घंटों पूछताछ की है लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इतनी बड़ी मात्रा में जिन्दा कारतूस और खोखे बाहर कैसे आए।
कबाड़ी के पास जिन्दा कारतूस
गौरतलब है कि एसओजी को 4 जनवरी को इस बात की खूफिया सूचना मिली थी कि सेना की एक बटालियन से हजारों की संख्या में कारतूस के खोखों के गुम होने हो गए हैं। हालांकि, सेना की ओर से किसी भी थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी लेकिन एसओजी की टीम मामले कह छानबीन में जुटी हुई थी। एसओजी और कैंट पुलिस की संयुक्त तलाशी अभियान में कैंब्रियन हॉल स्कूल के पास तीन महिलाएं और एक पुरुष बोरे में कुछ लेकर जाते दिखे। उन्हें रोककर बोरों की जांच की गई तो इनमें प्रतिबंधित कारतूस के खोखे और दर्जनों जिंदा कारतूस मिले। इसकी सूचना रात में ही सेना के अधिकारियों को दे दी गई। मौके पर पहुंचे सेना के अधिकारियों ने पुलिस के साथ कारतूस खोखों की जांच और गिनती की। बता दें कि गिनती के दौरान 5.56 एमएम के 8170 खोखे और 7.62 एमएम के 119 जिंदा कारतूस मिले।
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पुलिस ने इन्हें लिया गिरफ्त में
यहां बता दें कि खोखे और जिन्दा कारतूस के मामले में पुलिस ने मुस्तकीम (30) पुत्र तासीम निवासी कांवली रोड, गांधी ग्राम, सीमा (24) पुत्री रंजीत साहनी, शिव कुमारी उर्फ गोरे वाली (38) पुत्री रामलखन साहनी और पिंकी पुत्री (20) विजय साहनी निवासी कांवली रोड के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि मुस्तकीम की जीएमएस रोड पर कबाड़ की दुकान है जबकि ये महिलाएं कबाड़ बीनने का काम करती हैं। आशंका जताई जा रही है कि इन महिलाओं ने सेना के कैंप में घुसकर कारतूस के खोखों और जिंदा कारतूस चोरी किए और उन्हें कबाड़ की दुकान पर बेचने की तैयारी थी।