देहरादून। सोशल मीडिया पर बस दुर्घटना में 6 लोगों के मारे जाने की खबर पोस्ट करना कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी जिलाध्यक्ष और एक महिला समेत 3 लोगों को काफी महंगा पड़ा है। पुलिस ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही 2 लोगों के द्वारा लिखित में माफी मांगने के बाद उनका चालान काटकर उन्हें छोड़ दिया गया। बता दें कि मंगलवार को सोशल मीडिया पर टनकपुर से लोहाघाट जा रही एक बस के अमोड़ी के पास खाई में गिरने एवं दुर्घटनाग्रस्त बस की फोटो वायरल हो गई थी। इस वायरल फोटो में लिखा था कि बस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई है।
गौरतलब है कि इस वायरल खबर के बारे में जानकारी मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया और उस बस में सफर करने वाले परिजनों में भी अफरा-तफरी मच गई। हादसे के बाद परिजनों की जानकारी लेने के लिए लोग अस्पताल और पुलिस थानों में लगातार फोन करने लगे। कहीं से हादसे की पुष्टि नहीं होने पर पुलिस अधिकारियों ने वायरल खबर के झूठ होने की पुष्टि की। सीओ ने बताया कि वायरल फोटो नैनीताल जिले में पहले हुए बस हादसे की थी।
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यहां बता दें कि डीएम डॉक्टर अहमद इकबाल के निर्देश पर पुलिस की आईटी सेल की जांच के बाद एसपी धीरेंद्र सिंह गुंज्याल ने खबर पोस्ट करने वाले लोहाघाट निवासी कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी जिलाध्यक्ष ओंकार सिंह धौनी, टनकपुर निवासी महिला लक्ष्मी वर्मा एवं चंद्रशेखर ओली को आईटी एक्ट के तहत नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। टनकपुर की रहने वाल लक्ष्मी और चंद्रशेखर ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने दूसरे नंबर से आए मैसेज को बिना देखे ही आगे फाॅरवर्ड कर दिया था। इन दोनों ने लोगों को हुई तकलीफ के लिए माफी मांगी है।