देहरादून। प्रदेश के सरकारी स्कूलों और काॅलेजों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के इंटर काॅलेजों अब प्रधानाचार्य के खाली पड़े 50 फीसदी पदों पर सरकार सीधी भर्ती करेगी। बता दें कि फिलहाल इंटर काॅलेजों में खाली पड़े प्रधानाचार्यों के 100 फीसदी पद विभागीय प्रमोशन के जरिए भरे जा रहे हैं। प्रमोशन की प्रक्रिया से खाली पदों के न भर पाने की वजह से सरकार ने सीधी भर्ती की प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया है। इस मामले में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा निदेशक आरके कुंवर को इस बाबत कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। हालांकि राजकीय शिक्षक संघ ने इसका विरोध भी करना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि राज्य के इंटर काॅलेजों में फिलहाल प्रधानाचार्य के करीब 1250 पदों में आधे खाली हैं। करीब 673 इंटर काॅलेजों में प्रभारी प्रधानाचार्य के जरिए काम चलाया जा रहा है। शिक्षा विभाग का कहना है कि प्रमोशन के नियमों को आसान बनाने के बाद ही खाली पड़े 100 फीसदी पदों को इसके जरिए भरा जा सकता है।
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यहां बता दें कि खाली पड़े पदों को भरने का कोई रास्ता नहीं निकल पाने के बाद शिक्षा मंत्री ने प्रधानाचार्य के पदों को 100 फीसदी प्रमोशन के जरिए भरने की व्यवस्था को ही खत्म करने के निर्देश दे दिए। मंत्री अरविंद पांडे ने विभाग में प्रथम नियुक्ति, प्रमोशन व पदस्थापना में काउंसलिंग की व्यवस्था भी खत्म करने के निर्देश दिए हैं। गौर करने वाली बात है कि यह व्यवस्था कांग्रेस के शासनकाल में शुरू की गई थी जिसमें शिक्षकों की काउसंलिंग कर उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार विकल्प चुनने का मौका दिया जाता था।
प्रधानाचार्यों के 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती के जरिए भरने की बात पर राजकीय शिक्षक संघ पूरी तरह से नाराज हो गया है। शिक्षक संघ का कहना है कि शिक्षा विभाग में वैसे ही प्रमोशन के सीमित अवसर हैं, ऐसे में अगर सीधी भर्ती से पदों को भरा जाता है तो इससे एलटी और प्रवक्ताओं को नुकसान होगा। संघ के प्रांतीय महामंत्री सोहन सिंह माजिला ने कहा कि शिक्षा मंत्री को सभी पहलुओं की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षक के हित में यदि कड़ा फैसला लेने की जरूरत पड़ी तो संघ उससे भी गुरेज नहीं करेगा।