देहरादून। सूचना-तकनीक के इस जमाने में हाथों से पत्र लिखने की आदत पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। ऐसे में डाक व्यवस्था भी खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है। देश भर के लोगों में एक बार फिर से पत्र लिखने में दिलचस्पी पैदा करने के मकसद से उत्तराखंड के डाक विभाग ने एक अनोखी पहल की है। इसके तहत अब विभाग ने ‘ढाई आखर’ नाम से पत्र लेखन प्रतियोगिता शुरू की है। इस प्रतियोगिता के विजेताओं को नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा।
गौरतलब है कि यह प्रतियोगिता रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित ‘आमार देशेर माटी’ से प्रेरित ‘मेरे देश के नाम खत’ विषय पर होगी। डाक विभाग की ओर दो वर्गों में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जूनियर वर्ग में 18 साल तक और सीनियर वर्ग में 18 से ऊपर का कोई भी व्यक्ति इसमें हिस्सा ले सकते हैं। सहायक डाक अधीक्षक आरके बिनवाल ने बताया डाक सेवाओं की ओर लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए विभाग ने राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर जूनियर और सीनियर वर्ग में पत्र लेखन प्रतियोगिता आयोजित की है।
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यहां बता दें कि 15 जून से शुरू हुई यह प्रतियोगिता 30 सितंबर 2018 तक चलेगी। प्रतियोगिता के तहत मेरे देश के नाम खत लिखकर नौजवानों को अंतर्देशीय या लिफाफे में डाक विभाग के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल उत्तराखंड के नाम डाक से भेजा जाना है। उन्होंने बताया कि जूनियर वर्ग में 18 वर्ष तक और सीनियर वर्ग में 18 वर्ष के ऊपर का कोई भी व्यक्ति प्रतियोगिता में भाग ले सकता है।
गौर करने वाली बात है कि देश और प्रांतीय स्तर पर चलाई जाने वाली इस प्रतियोगिता के पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले विजेताओं को नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा। सहायक डाक अधीक्षक के अनुसार प्रतियोगिता के तहत आने वाले पत्रों के लिए डाकघरों में स्पेशल लेटर बाक्स लगाए जा रहे हैं। पत्र प्रधान डाकघर में भी स्वीकार किए जाएंगे।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम विजेता को 50 हजार, द्वितीय को 25 और तृतीय को 10 और प्रांतीय स्तर पर प्रथम को 25, द्वितीय को 15 और तृतीय विजेता को 10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।