देहरादून। उत्तराखंड में ऐसा लगता है कि मंत्रियों और अधिकारियों के बीच आॅल इज वेल नहीं चल रहा है। इसका उदाहरण कई विभागों में देखने को मिल रहे हैं। ताजा मामला प्रशिक्षण विभाग का है जहां 74 फोरमैन का मनमाना तबादला कर दिया गया और इसके लिए मंत्री से अनुमोदन लेने की बात तो दूर उन्हें जानकारी तक नहीं दी गई। मामला संज्ञान में आने पर मंत्री डाॅक्टर हरक सिंह रावत ने निदेशक-प्रशिक्षण के पोस्टिंग आदेश को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही सभी फाइलों को तलब कर लिया है और सभी पोस्टिंग को नए सिरे से करने का प्रस्ताव मांगा है।
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गौरतलब है कि राज्य के प्रशिक्षण विभाग में करीब 74 फोरमैन का तबादला उनकी मनचाही जगहों पर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इसमें पैसों के लेन-देन की भी शिकायत मिली है। इसके बाद मंत्री डाॅक्टर हरक सिंह ने इस आदेश को निरस्त कर दिया। अब इन फोरमैन की पोस्टिंग नए सिरे से की जाएगी। बता दें कि प्रशिक्षण विभाग-हल्द्वानी ने 4 जनवरी को 74 अनुदेशकों को फोरमैन के पद पर पदोन्नति की थी। 6 मार्च को निदेशक पंकज कुमार पांडे की ओर से इनकी तैनाती के आदेश किए गए। इनमें से ज्यादातर लोगों की पोस्टिंग वहीं कर दी गई जहां वे पहले से तैनात थे।यहां बता दें कि मंत्री डाॅक्टर हरक सिंह रावत को इसकी सूचना मिलने के बाद उन्होंने फौरन इसे निरस्त करने के आदेश जारी किए।