देहरादून। उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर से चरमरा सकती है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ये संबद्ध डाॅक्टरों ने राज्य में क्लीनिकल इश्टैब्लिशमेंट एक्ट में बदलाव नहीं करने की सूरत में 15 सितंबर से निजी अस्पतालों और क्लीनिकों को बंद करने की चेतावनी दी है। इन डाॅक्टरों की मांग है कि हरियाणा की तर्ज पर उत्तराखंड में भी निजी क्लीनिकों और अस्पतालों की व्यवस्था की जाए। बता दें कि हरियाणा में 50 बिस्तरों वाले अस्पतालों को एक्ट के दायरे से बाहर रखा गया है लेकिन सरकार का कहना है कि ऐसा करना मुमकिन नहीं है।
गौरतलब है कि हरियाणा में क्लीनिकल इश्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत प्राईवेट क्लीनिक और अस्पतालों का पंजीकरण शुल्क भी काफी कम है। राज्य में निजी क्लीनिक और अस्पताल चलाने वाले डाॅक्टरों की मांग है कि यहां भी हरियाणा की तर्ज पर ही व्यवस्था की जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो वे 15 सितंबर के बाद से सभी क्लीनिक और निजी अस्पताल बंद कर देंगे।
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यहां बता दें कि कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा की गई छापेमारी में इस बात का खुलासा हुआ था कि कई निजी अस्पताल ऐसे हैं जो मानकों को पूरा नहीं करते हैं। इन अस्पतालों में पूरी तरह से क्वालीफाइड डाॅक्टर भी नहीं हैं लेकिन वे सर्जरी जैसे काम कर रहे हैं इससे मरीजों की जान को खतरा बना हुआ है। यहां बता दें कि सरकार पहले ही कह चुकी है कि 50 बिस्तरों वाले अस्पतालों को एक्ट से दायरे से बाहर रखना मुमकिन नहीं है।