देहरादून। उत्तराखंड में निजी स्कूलों और सरकार के बीच फीस को लेकर उठा मामला पूरी तरह से शांत भी नहीं हुआ है कि एक नया विवाद सामने आ गया है। बता दें कि प्रदेश का शिक्षा विभाग अगले सत्र से फीस एक्ट लाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन अभी स्थिति यह है कि फीस वृद्धि पर नोटिस के जवाब में निजी स्कूलों ने शिक्षा विभाग को ही नोटिस भेज दिया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देकर स्कूलों ने फीस वृद्धि को अपना अधिकार बताया है। ऐसा लगता है कि प्राईवेट स्कूल भी आसानी से मामला अपने हाथों से जाने नहीं देना चाहते हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने प्राईवेट स्कूलों की मनमानी फीस पर लगाम लगाने के लिए अगले सत्र से यूपी की तर्ज पर निजी स्कूलों में फीस एक्ट लाने की तैयारी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ निजी स्कूलों ने भी विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जिसमें प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन का समर्थन उन्हें मिला है।
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यहां बता दें कि अभिभावकों की फीस को लेकर शिक्षा विभाग को गई शिकायत पर दून के कई निजी स्कूलों को नोटिस भेजे गए हैं। इस नोटिस का प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन के द्वारा पहले से ही विरोध किया जा रहा था। एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग के नोटिस में फीस वृद्धि को 2011 की नियमावली का उल्लंघन करार दिया गया है। इसके साथ ही निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग द्वारा एनओसी देने को भी नियमविरूद्ध बताया गया है। शिक्षा विभाग के नोटिस का जवाब देते हुए निजी स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए फीस में वृद्धि को उनका अधिकार बताया है।