पौड़ी। उत्तराखंड में पलायन से खाली होने वाले गांवों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य में शासन करने वाली किसी सरकार ने इन गांवों से पलायन को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। नतीजा यह हुआ कि आज राज्य के ज्यादातर गांव वीरान हो चुके हैं। ऐसे में भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने एक बड़ी पहल की है। बता दें कि अनिल बलूनी ने पौड़ी जिले के गांव बौर (दुगड्डा) को गोद लेने का फैसला लिया है। वे इस गांव को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लेकर आबाद करेंगे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड को एक अलग राज्य बने हुए करीब डेढ़ दशक हो चुके हैं। इस बीच किसी भी नेता ने पलायन की वजह से खाली हुए गांव को गोद नहीं लिया और न ही उसे आबाद करने के बारे में सोचा। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि पलायन राज्य के लिए एक बड़ा मुद्दा तो है लेकिन इससे भी बड़ी बात है कि प्रदेश की संस्कृति खत्म होती जा रही है।
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यहां बता दें कि बलूनी ने कहा कि राज्य की संस्कृति को वापस लाने के मकसद से उन्होंने गैरआबाद गांव, बौर (दुगड्डा) को गोद लेकर उसे बसाने का फैसला लिया है। अनिल बलूनी ने इस गांव को फिर से बसाने की पूरी योजना भी तैयार कर ली है और वे इसके लिए प्रवासी लोगों से बात करेंगे। गौर करने वाली बात है कि साल 2011 तक बौर गांव में 23 परिवार रह रहे थे लेकिन एक-एक कर सभी परिवार गांव से पलायन कर गए। अब इस गांव में कभी-कभी ही लोगों का आना-जाना होता है।