देहरादून। उत्तराखंड में हुए स्थानीय निकाय के चुनाव के पूरे परिणाम अभी नहीं आए हैं लेकिन दोनों ही बड़ी पार्टी कांग्रेस और भाजपा के बागियों ने ही उनका खेल बिगाड़ दिया। बागियों के चुनाव में उतरने से कांग्रेस को टिहरी नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी गंवानी पड़ी जबकि भाजपा को कोटद्वार नगर निगम सीट हार गई है। बता दें कि कोटद्वार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का गढ़ माना जाता है। भारतीय जनता पार्टी ने यहां से विधायक दिलीप रावत की पत्नी नीतू रावत को मैदान मंे उतारा था लेकिन शशि नैनवाल, विभा चौहान और अन्य के बागी होने की वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि निकाय चुनाव से पहले बागी हुए नेताओं पर दोनों ही पार्टियों ने बड़ी कार्रवाई की थी। भाजपा ने अपने 65 नेताओं पर कार्रवाई की थी वहीं कांग्रेस ने करीब 85 नेताओं को निष्कासित किया था। गौर करने वाली बात है कि टिहरी में भी कांग्रेस नेताओं के बागी होने का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा है।
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यहां बता दें कि मेयर पदों के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने अपना परचम लहराया है जबकि पार्षद के पदों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने बाजी मारी है। हालांकि अभी मतों की पूरी गिनती खत्म नहीं हुई है। नगर पालिका उत्तरकाशी, नगर पंचायत पुरोला, टिहरी की चम्बा नगर पालिका में भाजपा की बागी निर्मला बिष्ट, लंबगांव नगर पंचायत में भाजपा की बागी भरोसी देवी चुनाव जीतने में कामयाब रही जबकि नगर पंचायत घनसाली में बगावत से पार्टी प्रत्याशी चुनाव हार गए। कांग्रेस ने टिहरी पालिका अध्यक्ष पद पर पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह की पत्नी को प्रत्याशी बनाया था। इससे नाराज सीमा कृषाली और शकुंतला नेगी निर्दलीय चुनाव में उतर गईं। अंत में सीमा कृषाली ने जीत दर्ज कर बाजी मार ली। शिवालिकनगर पालिका में भी बगावत ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया।