देहरादून। चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को अब चिकित्सा के लिए किसी तरह की चिन्ता नहीं करनी पड़ेगी। राज्य सरकार छह जनपदों में सेना के सेवानिवृत्त चिकित्सकों को नियुक्त करने जा रही है। सेना के ये डाॅक्टर ऋषिकेश, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, पौड़ी और रुद्रप्रयाग में अपनी सेवाएं देंगे। बड़ी बात यह है कि सेना के सेवानिवृत्त इन डॉक्टरों के लिए कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं होगी। राज्य में ऐसे करीब 300 डॉक्टर अपनी सेवा देंगे।
यात्रियों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा
गौरतलब है कि इस साल चारधाम यात्रा के दौरान करीब 90 यात्रियों की मौत समय पर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारण हुई है। इनमें अधिकांश मृत्यु केदारनाथ और फिर यमुनोत्री, बद्रीनाथ और गंगोत्री में हुई। यात्रियों की स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अब सेना के रिटायर्ड डॉक्टरों की मदद ले रहा है। आपको बता दें कि भारत के विभिन्न हिस्सों में मौजूद सेवानिवृत्त लगभग 100 डॉक्टरों ने अलग-अलग पदों के लिए स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया है। विभाग ने शारीरिक रूप से फिट किसी भी उम्र के विशेषज्ञ डाॅक्टर को मौका देने का फैसला किया है, जो शारीरिक रूप से फिट हैं।
ये भी पढ़ें - प्रदेश में अपना वजूद तलाशती कांग्रेस में अंतर्कलह तेज, पूर्व प्रदेश प्रमुख ने उठाए कई सवाल
चारधाम मार्ग पर तैनात होंगे
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस रावत का कहना है कि इन नियुक्ति में उम्र की बाध्यता नहीं है। बस नियुक्ति के लिए राज्य सरकार का क्लीयरेंस सर्टिफिकेट देना होगा। यह आवश्यक है कि चिकित्सक शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हो। क्योंकि उनको चारधाम मार्ग पर तैनात किया जाएगा।
डाॅक्टरों की काफी कमी
बता दें कि राज्य में स्त्री रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, हृदय रोग विशेषज्ञ और रेडियोलॉजिस्ट की बहुत अधिक आवश्यकता है। रेडियोलॉजिस्ट की कमी से निपटने के लिए ही टेली-रेडियोलॉजी सेवा शुरू की जा रही है। राज्य में डॉक्टरों के 2400 पद मंजूर हैं, लेकिन तैनात मात्र 1100 ही हैं। ऐसे में दूरदराज के कई क्षेत्र अब भी डॉक्टर का इंतजार ही कर रहे हैं।