देहरादून। प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत किसी से छिपी हुई नहीं है। ऐसे में ज्यादातर चिकित्सकों के द्वारा दूर दराज पहाड़ी इलाकों में जाने से इंकार करने पर यह समस्या और बढ़ जाती है। पहाड़ चढ़ने से मना करने वाले डाॅक्टरों के सामने दून के पूर्व सीएमओ पद से सेवानिवृत्त हो चुके डॉक्टर जीएस जंगपांगी ने एक मिसाल कायम की है। दून अस्पताल में एनेस्थेटिक की कमी को देखते हुए उन्होंने नई नियुक्ति होने तक मुफ्त में सेवा देने का फैसला लिया है। वे आज यानी शुक्रवार से ही अपनी सेवा देना शुरू कर देंगे। स्वास्थ्य सचिव नितेश झा, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राचार्य डॉक्टर प्रदीप भारती गुप्ता और एमएस डाॅक्टर केके टम्टा ने उनकी इस पहल की सराहना की है।
गौरतलब है कि दून के अस्पताल में एनेस्थेटिक की कमी के चलते आॅपरेशन का काम रोक दिया गया था। अखबारों के जरिए ऐसी खबर मिलने के बाद डाॅक्टर जीएस जंगपांगी ने खुद यह कदम उठाया। उनका कहना है कि एनेस्थेटिक की कमी के चलते किसी गरीब आदमी का आॅपरेशन न रुके, इस वजह से यह फैसला लिया है।
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यहां बता दें कि दून अस्पताल में एनेस्थेटिक की भारी कमी है। डाॅक्टर जंगपांगी ने कहा कि दून अस्पताल में आने वाले ज्यादातर मरीजों का आॅपरेशन एक ही एनेस्थेटिक के जिम्मे है। उन्होंने कहा कि 5 एनेस्थेटिक सिर्फ दून महिला अस्पताल में तैनात हैं। गौर करने वाली बात है कि डाॅक्टर जंगपांगी दून और नैनीताल के पूर्व सीएमओ भी रह चुके हैं। दून अस्पताल के प्राचार्य डाॅक्टर प्रदीप भारती गुप्ता और डाॅक्टर केके टम्टा ने उनकी इस पहल की काफी सराहना की है।