त्यूणी। राज्य की परिवहन व्यवस्था में सुधार लाने की कवायद तेज कर दी गई है। सालों से यातायात की सुविधा का अभाव झेल रहे जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के आखिरी गांव डांगूठा में पहली बार रोडवेज की बस पहुंची है। यातायात की सुविधा मिलने की खुशी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बस को देखने के लिए गांव वालों की भीड़ लग गई। ग्रामीणों ने बस के चालक और परिचालक का बाकायदा माला पहनाकर स्वागत किया। ग्रामीणों ने कहा कि अब यहां के 6 गांवो के लोगों को बस पकड़ने के लिए 12 किलोमीटर कथियान की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
पहली बार गांव में पहुंची बस
गौरतलब है कि राज्य की परिवहन व्यवस्था काफी लचर थी अब इसे दुरुस्त करने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। लंबे समय से यातायात की असुविधा झेल रहे जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर में अब व्यवस्था पटरी पर आ रही है। ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम ने देहरादून से वाया चकराता होते हुए त्यूणी-कथियान के लिए शुरू की गई रोडवेज बस सेवा का विस्तार देहरादून जिले के अंतिम गांव डांगूठा तक करने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि डांगूठा गांव उत्तरकाशी जिले से लगता है। इस गांव में पहली बार रोडवेज की बस पहुंचने से ग्रामीणों में खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा वे इसे देखने के लिए उमड़ पडे़। यहां तक बस लेकर आने वाले चालक और परिचालक का बाकायदा माला पहनाकर स्वागत किया गया।
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पैदल यात्रा से मिलेगी निजात
आपको बता दें कि डांगूठा तक बस के चलने से डांगूठा तक रोडवेज बस चलने से शिलगांव क्षेत्र के सुदूरवर्ती पटियूड़, ऐठान, भूनाड़, भटाड़ व डांगूठा समेत आसपास के सैकड़ों लोगों को यातायात सेवा का लाभ मिलेगा। अब उन्हें बस पकड़ने के लिए मीलों का सफर नहीं करना पड़ेगा।