देहरादून। गंगा की सफाई और उसे प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना नमामि गंगे को लेकर केन्द्रीय राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह और अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई। इस बैठक में गंगा को स्वच्छ, अविरल तथा निर्मल बनाये रखने के लिए। घाटों के सौन्दर्यीकरण, घाटों की सफाई, गंगा की स्वच्छता, सीवर ट्रीटमेंट प्लान (एसटीपी) पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने एसटीपी को लेकर अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मौके का निरीक्षण कर हर 15 दिनों में इसकी रेटिंग तय करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही गंगा में कचरा फेंकने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
काम में तेजी लाने के निर्देश
गौरतलब है कि शहर के नालों और घरो से निकलने वाले कचरे को गंगा में जाने से बचाने के लिए होटलों को एसटीपी लगाने के निर्देश दिए गए थे। सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि एसटीपी के जो कार्य हुए हैं, उसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी घर, होटल एवं अन्य संस्थान इससे जुड़े हो और इसकी नियमित माॅनिटरिंग भी की जाए। केन्द्रीय राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इससे जुड़े अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यों में तेजी लाने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर गंगा कमेटी की समय-समय पर बैठक ली जाए एवं स्टेट प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप (एसपीएमजी) का शीघ्र डैशबोर्ड बनाया जाए। जिससे कार्यो की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति का समय-समय पर सही आंकलन किया जा सके।
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एसटीपी न लगाने वालों पर कार्रवाई
यहां बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि गंगा की सफाई विभागों के साथ मिलजुल कर ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में कनखल स्थित सती घाट को भी नमामि गंगे के अंतर्गत विकसित किए जाने, गंगा घाटों पर नियमित सफाई अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं। राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि गंगा को प्रदूषणमुक्त करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ उनपर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं। सत्यपाल सिंह ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी इंडस्ट्री एवं होटल एस.टी.पी से जुडे़ हों और सभी उद्योगों का निरीक्षण किया जाए कि उनमें दूषित जल संचार उपचार संयंत्र (ई.टी.पी) कि उचित व्यवस्था है या नहीं। यदि किसी इंडस्ट्री में ईटीपी की उचित व्यवस्था नहीं है, तो उन पर त्वरित कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री के आवास पर हुइ्र इस बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, भारत सरकार के अपर सचिव श्री यू.पी.सिंह, केन्द्रीय राज्य मंत्री के सलाहकार डाॅ. नेपाल सिंह तोमर, प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव पेयजल श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, एडीजी श्री आर.एस.मीणा, आईजी श्री दीपम सेठ और प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड सिंचाई विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।