पौड़ी। ‘बिन गुरु ज्ञान कहां से पाऊं’ ये बात तो हम सबने सुनी है। इसका जीता-जागता उदाहरण है उत्तराखंड का पौड़ी जिला। यहां के थलीसैंण राजकीय इंटर काॅलेज, गंगाऊं में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य शिक्षकों की कमी के कारण अंधकारमय हो रहा है। यहां प्रवक्ता और शिक्षकों के कई पद खाली पड़े हैं।
छात्रों के मुताबिक नहीं हैं शिक्षक
गौरतलब है कि उत्तराखंड में शिक्षकों की भारी कमी है जिसकी वजह से वहां की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। यहां बता दें कि इस विद्यालय में 212 छात्र-छात्राओं पर शिक्षकों के 18 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से प्रवक्ताओं के 7 और एलटी के 4 पद खाली हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है कि जिला मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्कूल का जब यह हाल है तो दूरस्थ इलाकों के स्कूलों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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इन विषयों के शिक्षकों की कमी
प्रवक्ता क्रम में अंग्रेजी, गणित, जीव विज्ञान जैसे शिक्षकों के पदों का रिक्त होना भी चिंता का कारण है। एलटी क्रम में भी शिक्षकों के कई पद खाली हैं। बड़ी बात यह है कि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए निचली कक्षा के शिक्षक बच्चों का पढ़ा रहे हैं। क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता सतेंद्र सिंह भंडारी का कहना है कि विद्यालय में खाली पदों को भरने के लिए कई बार विभाग के अलावा शासन से भी गुहार लगाई गई लेकिन कोई अमल नहीं हुआ। उनका कहना है कि यदि जल्दी ही इस ज्वलंत मसले पर सरकार की ओर से विचार कर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई तो जन-आंदोलन किया जाएगा।
प्रवक्ताओं के रिक्त पद
हिंदी, अंग्रेजी, जीव विज्ञान, गणित, राजनीति विज्ञान, भूगोल, अर्थशास्त्र,
जिला शिक्षा अधिकारी भी स्कूलों में शिक्षकों की कमी की बात को मान रहे हैं। उनका कहना है कि शिक्षकों की नियुक्ति का काम शासन का है और प्राथमिकता के आधार पर उन्हें भेजा जाएगा।