देहरादून। उत्तराखंड में शराब की बिक्री को लेकर फैलाई जा रही अफवाह पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा है यह बिल्कुल निराधार है। सरकार ने बिल्कुल पारदर्शी आबकारी नीति लागू की है। सोशल मीडिया में वायरल हो रही खबरों के अनुसार सरकार ने विदेशी शराब और वाइन दुकान में बेचने की शर्त में छूट दी है। अगर दुकानदार का सलाना टर्नओवर 50 लाख हो और वह लाईसेंस की एवज में 5 लाख जमा कर सकता है तो उसे लाईसेंस मिल सकेगा। सीएम ने इस दौरान कहा कि सरकार शराब को बढ़ावा देने के पक्ष में नही है, बल्कि इसके लिए बनाये नियमों का पारदर्शी तरीके से लागू करने का प्रयास कर रही है।
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने सोशल मीडिया में वायरल हो रही खबरों पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि सरकार ने एक पारदर्शी आबकारी नीति लागू की है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2014 में एफ.एल.-5एम/डी.एस. के नाम से एक पाॅलिसी लाई थी जिसके अंतर्गत माॅल/डिपार्टमेंटल स्टोर में 2 लाख रुपये का शुल्क देकर लाईसेंसधारियों को विदेशी शराब बेचने का अधिकार दिया गया था लेकिन सीएम ने कहा कि एफ.एल.-5एम/डी.एस. पाॅलिसी में किए गए संशोधन परचून किराना स्टोर में शराब बेचने के लिए नहीं है बल्कि पहले से चली आ रही पाॅलिसी के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक ईमानदार एवं पारदर्शी कदम है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने कहा कि नए प्रावधानों के तहत माॅल/डिपार्टमेंटल स्टोर का लाइसेंस शुल्क 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है। साथ ही यह प्रावधान भी किया गया है कि यह लाईसेंस तब दिया जाएगा, जब उस स्टोर का सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये से अधिक हो। इससे वास्तविक डिपार्टमेंटल स्टोर ही लाईसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने जनता से किसी भी तरह के भ्रामक दुष्प्रचार से बचने की अपील की है।