हरिद्वार। ऊर्जा की बचत को लेकर हरिद्वार प्रशासन ने अनोखी पहल की शुरुआत करने जा रहा है। धर्मनगरी में बिजली की बचत को प्रोत्साहित करने के लिए अब सरकारी कार्यालयों में सेंसर युक्त विद्युत उपकरणों को लगाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि सरकारी कार्यालयों में बिजली के उपकरण दिन भर खुले रहते हैं वहां कोई हो या न हो ऐसे में बिजली की काफी बर्बादी होती है। अब ऊर्जा अपव्यय को रोकने के लिए शासन भी गंभीर हो रहा है।
सेंसर वाले उपकरण
गौरतलब है कि गढ़वाल आयुक्त विनोद शर्मा ने हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में सचिवालय की तर्ज पर जिला स्तर के कार्यालयों में भी सेंसर युक्त उपकरणों को लगवाने का सुझाव दिया था। सरकारी कार्यालयों में पंखे, कूलर को कोई समय-समय पर बंद करने की जहमत नहीं उठाता है ऐसे में जिससे बिजली की बर्बादी तो होती ही है राजस्व की भी हानि होती है। कार्यालयों में अगर सेंसरयुक्त उपकरण लगा जाएंगे तो कमरे में किसी के नहीं होने पर विद्युत उपकरण खुद ब खुद बंद हो जाएंगे। जैसे ही कमरे में कोई आएगा वे चालू हो जाएंगे। इससे काम में बाधा भी नहीं आएगी और ऊर्जा का अपव्यय भी रुकेगा।
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एलईडी लाइटें लगेंगी
आपको बता दें कि जिलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि ऊर्जा निगम के अधिकारियों को सभी विभागों से समन्वय कर इस महत्वपूर्ण सुझाव पर अमल करने के लिए कार्ययोजना बनाने को कहा है। इसके अलावा विभागों में सीएफएल,सामान्य बल्ब व ट्यूबलाइट के स्थान पर एलईडी लाइटें लगवाने को भी कहा है।