देहरादून। उत्तराखंड में निगम कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले हो गई है। त्योहारों के मौसम में सरकार ने वन निगम, जल संस्थान और जल निगम के कर्मचारियों और पेंशनरों को सातवें वेतनमान का लाभ देने के आदेश दे दिए हैं। सरकार के इस फैसले से निगमों में काम करने वाले करीब 9000 कर्मियों को अब बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा। राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों से 18 सितंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की बातचीत के बाद शासन की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। इन कर्मचारियों के एरियर के लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे।
सरकार ने मानी मांग
गौरतलब है कि सातवें वेतनमान के लाभ के लिए कर्मचारियों ने हड़ताल भी की थी। बाद में मुख्यमंत्री ने उन्हें जल्दी ही उनकी मांगों पर कार्यवाही होने का आश्वासन दिया था जिसके बाद कर्मियों ने हड़ताल समाप्त कर दी थी। फिलहाल वन निगम, जल संस्थान और जल निगम के कर्मचारियों को यह फायदा दिया गया है। बाकी कर्मचारियों को अभी थोड़ा इंतजार करना होगा।
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निगम को खुद जुटाने होंगे संसाधन
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने निगम कर्मचारियों और पेंशनरों को 1 जनवरी 2017 से वेतनमान का लाभ देने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके एवज में शासन स्तर से कोई अतिरिक्त बजट उपलब्ध नहीं होगा। निगमों के अपने स्तर से ही यह संसाधन जुटाने होंगे। यहां बता दें कि इन निगमों से पहले तीनों ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों को भी सातवें वेतनमान का लाभ मिल चुका है।
सीधी भर्ती के पदों पर रोक
प्रदेश सरकार ने जल संस्थान और जल निगम में सीधी भर्ती के पदों पर रोक लगा दी है। यदि इन दोनों संस्थानों में भर्ती प्रक्रिया चल रही है तो नियुक्ति से पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी। आपको बता दें कि सरकार ने भविष्य में रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के बजाय आउटसोर्स से कर्मचारी रखने का निर्णय लिया है।
एरियर के अलग से होंगे आदेश
1 जनवरी 2016 से दिसंबर 2016 तक कर्मियों को सातवें वेतन का अवशेष और भत्तों का एरियर के अलग से आदेश होंगे। अभी राज्य कर्मियों को भी अवशेष का लाभ नहीं मिला है। बाकी निगमों के कर्मचारियों को भी सातवें वेतनमान का लाभ देने पर सहमति बनी है लेकिन अभी इसपर फैसला नहीं लिया गया है।