देहरादून। राज्य के कारोबारियों को टैक्स जमा करने और आयकर रिटर्न दाखिल करने की झंझट से छुटकारा मिल सकता है। उत्तराखंड के हजारों कारोबारी जीएसटी के दायरे से बाहर हो सकते हैं। जीएसटी काउंसिल हिमालयी राज्यों के लिए सालाना टर्न ओवर की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने जा रही है। इसके बाद 20 लाख से कम सालाना टर्न ओवर वाले व्यापारियों को जीएसटी में पंजीकरण की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी। बता दें कि जीएसटी काउंसिल की हाल में हुई बैठक में राज्य सरकार की ओर से सालाना टर्न ओवर की सीमा 10 की बजाए 20 लाख करने का सुझाव दिया गया था।
दूसरे राज्यों में टर्नओवर का दायरा ज्यादा
गौरतलब है कि उत्तराखंड और अन्य हिमालयी राज्य जीएसटी काउंसिल से लगातार यह मांग कर रहे थे कि कारोबारियों के सालाना टर्नओवर के दायरे को बढ़ाया जाए। अब जीएसटी काउंसिल में कारोबारियों की मांग पर सहमति बन गई है। जीएसटी एक्ट में संशोधन के बाद नई व्यवस्था लागू होगी। इसके बाद बड़ी संख्या में राज्य के व्यापारियों को राहत मिल जाएगी। बता दें कि यूपी सहित कई राज्यों में पहले से ही जीएसटी पंजीकरण के लिए 20 लाख सालाना टर्न ओवर की सीमा तय की गई है।
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छोटे व्यापारियों के लिए बड़ी राहत
यहां बता दें कि जीएसटी के पंजीकरण का दायरा अगर बढ़ता है तो राज्य के छोटे कारोबारी इससे बाहर हो जाएंगे। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आॅफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि अगर ऐसा होता है तो पहाड़ी और मैदानी इलाकों के छोटे कारोबारियों को न पंजीकरण कराना होगा और न हर महीने रिटर्न दाखिल करना होगा। पंजीकरण से मुक्त होने पर व्यापारियों को एकाउंट का लेखा जोखा भी नहीं रखना होगा।
जीएसटी में पंजीकरण
आपको बता दें कि उत्तराखंड के एक लाख से ज्यादा कारोबारी जीएसटी में पंजीकरण करा चुके हैं। इससे पहले वैट में 97 हजार कारोबारी पंजीकृत थे। सालाना टर्नओवर का दायरा बढ़ने से इन सभी व्यवसायियों को राहत मिल जाएगी।