देहरादून। उपनल के जरिए नियम विरूद्ध तरीके से नौकरी पाने वाले उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष के बेटे पीयूष अग्रवाल की खबर पर मचे बवाल के बाद उन्होंने जल संस्थान के एई के पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही 3 अन्य इंजीनियरों की नियुक्ति को भी निरस्त कर दिया गया है। यहां बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बेटे की भर्ती पर कहा कि उससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। उनके बेटे को योग्यता के आधार पर नौकरी दी गई थी। गौर करने वाली बात है कि मामला तूल पकड़ने पर उपनल के एमडी ने जांच की बात कही थी।
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गौरतलब है कि उपनल के एमडी ने कहा है कि साल 2016 के बाद हुई सभी नियुक्तियों की जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी गलत पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। यहां बता दें कि उपनल के एमडी पाहवा ने बताया कि सैन्य परिवारों से योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने पर बाहर से अभ्यर्थियों को नियुक्त किया जा सकता है लेकिन प्रमुख सचिव ने वर्ष 2016 के जीओ को प्रभावी मानते हुए उनका तर्क खारिज कर दिया। इस जीओ के जरिए सरकार ने उपनल से गैरसैनिक लोगों की नियुक्ति प्रतिबंधित कर दी थी।
यहां गौर करने वाली बात है कि उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के बेटे को उपनल के जरिए की जाने वाली नियुक्तियों के तहत जल संस्थान में एई की नौकरी दी गई थी जबकि उपनल के नियमों के अनुसार इस माध्यम से गैर सैनिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को नौकरी नहीं दी जा सकती है। हल्द्वानी के रहने वाले एक शख्स के द्वारा मामला उठाने पर यह मामला सामने आया। उन्होंने कहा कि पीयूष और 3 अन्य इंजीनियरों को नियुक्ति दी गई थी और इसकी कोई सूचना भी नहीं दी गई। मामला के काफी तूल पकड़ने के बाद अब पीयूष अग्रवाल ने जल संस्थान में एई पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही तीनों इंजीनियरों की नियुक्ति को भी निरस्त कर दिया गया है।