देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को काले झंडे दिखाने और पुलिसकर्मियों से हाथापाई के मामले में कालाढूंगी से भाजपा विधायक बंशीधर भगत के बेटे विकास भगत और उनके साथी गौरव जोशी ने एसीजेएम मुकेश चंद्र आर्या की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया है। बता दें कि विकास भगत भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष भी हैं।
गौरतलब है कि 18 दिसंबर 2016 को जब तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत गौलापार में स्टेडियम का उद्घाटन करने आए थे उस समय विकास भगत ने अपने साथियों के साथ मिलकर उन्हें काले झंडे दिखाए थे। पुलिस द्वारा ऐसा करने से रोकने पर उन्होंने पुलिस के साथ हाथापाई भी की। इसके बाद काठगोदाम पुलिस ने विकास और उसके दोस्त के खिलाफ धारा 147 और 353 के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
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यहां बता दें कि धारा 353 गैर जमानती है ऐसेे में अदालत में उपस्थित नहीं होने पर गैरजमानती वारंट जारी हो गया। बुधवार को दोनों अदालत में पेश हुए, हालांकि कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया। बेटे की सजा के मामले में विधायक बंशीधर भगत का कहना है कि विकास की गिरफ्तारी राजनीतिक कारणों से हुई है। गुरुवार को जिला जज की अदालत में जमानत की अर्जी लगाई जाएगी।