रुद्रप्रयाग। केदारनाथ को फिर से बसाने की कवायद तेज कर दी गई है। ऐसे में यहां गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच रोपवे के काम का भी सर्वे पूरा कर लिया गया है। ऐसे में रोपवे तैयार होने से श्रद्धालुओं के समय और पैसे दोनांे की बचत होगी। बता दें कि केदारनाथ का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है।
यात्रियों के समय और पैसों की बचत
गौरतलब है कि रोपवे बनने से केदारनाथ और गौरीकुंड की दूरी घटकर 9 किलोमीटर रह जाएगी। इसके निर्माण से यात्रा न केवल आसान हो जाएगी बल्कि यात्रा के खर्चे में भी कमी आएगी। पैदल यात्रा में आमतौर पर छह से सात घंटे लगते हैं, जबकि रोपवे से यह दूरी मात्र 30 मिनट में तय की जा सकेगी। बता दें कि गौरीकुंड से केदारनाथ की पैदल दूरी करीब 16 किलोमीटर है। इसके लिए वहां जाने वाले श्रद्धालुओं को करीब 6 से 7 हजार रुपये खर्च करने पड़ते थे लेकिन रोपवे के निर्माण के बाद उन्हें पैसों की भी काफी बचत होगी।
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मंजूरी का इंतजार
आपको बता दें कि समुद्र तल से करीब साढ़े 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बसे केदारनाथ तक पहुंचने के लिए हेली सेवाओं की सुविधा तो है लेकिन हर श्रद्धालु के लिए इसका उपयोग करना मुमकिन नहीं है। ऐसे में रोपवे बन जाने से साधारण यात्रियों को भी काफी फायदा होगा। यहां बता दें कि पहले भी सरकार रोपवे का निर्माण पीपीपी मोड में करना चाहती थी, मगर कंपनियों ने रुचि नहीं दिखाई। इस पर सरकार ने स्वयं ही यह जिम्मेदारी उठाने का निर्णय लिया। अब रोपवे निर्माण उत्तराखंड सरकार का उपक्रम ब्रिज रोपवे, टनल एंड अदर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट काॅरपोरेशन को सौंपा गया है। शासन को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है वहां से मंजूरी मिलते ही इसपर काम शुरू कर दिया जाएगा।