नई दिल्ली/देहरादून। राज्य के विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों का मामला सुलझता नजर आ रहा है। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से भी पूरी कोशिश की जा रही है। राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इस समस्या के निपटारे के लिए केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से दिल्ली में मुलाकात की। मुलाकात के बाद जावड़ेकर ने राज्य को विशिष्ट बीटीसी की मान्यता देने के मुद्दे पर कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। इसके साथ ही प्रकाश जावड़ेकर ने राज्य सरकार द्वारा सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लागू करने और किताबों की उपलब्धता के लिए स्कूलों में बुक बैंक खोले जाने की योजना की तारीफ भी की।
मंत्री का भरोसा
गौरतलब है कि राज्य में एक लंबे समय से विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों का मामला चल रहा है। बता दें कि सरकार द्वारा कराए गए इस कोर्स को कर चुके हजारों शिक्षक विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से अप्रशिक्षितों की श्रेणी में आ गए थे।केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्य को विशिष्ट बीटीसी की मान्यता देने के मुद्दे पर कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (कैब) की बैठक में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने यह मुद्दा उठाया था। जावड़ेकर ने राज्य के स्कूलों की दशा सुधारने को हर मुमकिन सहयोग देने का वादा भी किया है। उधर कैब ने हर स्कूल में डिजिटल ब्लैक बोर्ड लगाने का संकल्प पारित किया है। कैब बैठक में 22 राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने भाग लिया। उत्तराखंड का पक्ष रखते हुए पांडे ने कई मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि विशिष्ट बीटीसी मान्यता न मिलने से उत्तराखंड के 13 हजार से ज्यादा शिक्षकों के भविष्य पर तलवार लटक रही है। यदि 31 मार्च 2019 को इन शिक्षकों को नौकरी से हटाया जाता है तो उनके परिवार सड़कों पर आ जाएंगे। इस मान्यता में शिक्षकों की कोई गलती नहीं। पांडे ने बताया, केंद्रीय मंत्री ने एमएचआरडी सचिव अनिल स्वरूप को इस मसले का जल्द सकारात्मक समाधान निकालने के निर्देश दिए। पांडे ने बताया, 17 जनवरी को केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक होगी।
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प्रदेश की तारीफ
एनसीईआरटी की पाठ्यक्रम लागू करने और हर स्कूल में बुक बैंक की स्थापना के उत्तराखंड के प्रयोग की जावड़ेकर ने भी तारीफ की। शिक्षा मंत्री ने बताया कि उन्होंने अन्य राज्यों को भी उत्तराखंड की तरह इन दोनों प्रयोगों को लागू करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि अशासकीय स्कूलों में भर्ती में पारदद्दशता लाने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं, इसके तहत पहले जहां 25 अंकों का इंटरव्यू होता था, उसे घटाकर पांच अंकों का कर दिया गया है। इससे इंटरव्यू में नंबरों का खेल खत्म हो जाएगा और अच्छे शैक्षिक रिकार्ड वाले युवा ही आगे आएंगे।