देहरादून । इस बार गणतंत्र दिवस परेड- 2018 के दौरान राजपथ पर उत्तराखण्ड राज्य की झांकी नजर आएगी। प्रदेश की झांकी ‘ग्रामीण पर्यटन' पर रक्षा मंत्रालय ने अपनी बैठक में अंतिम मुहर लगा दी है। महानिदेशक सूचना डॉ पंकज कुमार पाण्डेय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अधीन गठित विशेषज्ञ समिति के सामने इस बार 30 राज्यों और 20 मंत्रालयों ने अपने प्रस्ताव रखे थे, जिसमें से 14 राज्यऔर 07 मंत्रालयों की झांकियों पर मुहर लगी है। विशेषज्ञ समिति ने इस दौरान उत्तराखंड की ग्रामीण पर्यटन की झांकी पर अपनी मुहर लगा दी है।
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बता दें कि इस बार उत्तराखंड राज्य की झांकी के अग्र भाग में काष्ठ कला से निर्मित भवन व पयर्टकों का स्वागत करते हुए पारम्परिक वेशभूषा में महिला व पुरूषों को दर्शाया जाएगा। झांकी के मध्य भाग में पर्यटकों के साथ पारम्परिक नृत्य, ग्रामीण परिवेश, जैव विविधता तथा पर्यटकों का आवागमन व झांकी के पृष्ठ भाग में होम स्टे हेतु वास्तु शिल्प के भवन, योग-ध्यान व बर्फ से ढके पहाड़ को दर्शाया जाएगा।
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महानिदेशक सूचना डॉ पाण्डेय ने बताया कि उत्तराखण्ड में ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के अनेक गांवों में होम-स्टे योजना संचालित की जा रही है। गांवों में अवसंरचना के विकास तथा पर्यटन को प्रोत्साहित करने के परिणाम उत्साहजनक हैं। इससे सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ ही पलायन जैसी गंभीर समस्या से निपटने में भी मदद मिली है और रोजगार के नए व बेहतर अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
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बता दें कि राज्य गठन से लेकर अभी तक उत्तराखण्ड द्वारा वर्ष 2003 में ‘फृलदेई‘, वर्ष 2005 में ‘नंदा राजजात, वर्ष 2006 में ‘फूलों की घाटी‘, वर्ष 2007 में ‘कार्बेट नेशनल पार्क, वर्ष 2009 में ‘साहसिक पर्यटन‘, वर्ष 2010 में ‘कुंभ मेला‘, वर्ष 2014 में ‘जड़ी-बूटी, वर्ष 2015 में ‘केदारनाथ‘ तथा वर्ष 2016 में ‘रम्माण‘ विषयों की झांकियों का प्रदर्शन राजपथ पर किया जा चुका है।