देहरादून। डिफेंस कॉलोनी में डेढ़ साल से फर्जी कॉल सेंटर के जरिये युवाओं को नौकरी दिलवाने के नाम पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी करने वाले गिरोह का एसटीएफ ने भंडाफोड़ कर दिया। रविवार को एसटीएफ ने गिरोह के मास्टरमांइ समेत तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर इन ठगों के तीन बैंक अकाउंट में लगभग 50 लाख रुपये की रकम ऐंठी है। इसके अलावा एसटीएफ टीम ने छापे मारी के दौरान गिरोह के मास्टर माइंड के पास से एक लैपटॉप, प्रिंटर मशीन, सात मोबाइल फोन, दस मोबाइल सिम कार्ड, बैक अकाउंट स्टेटमेंट, एटीएम कार्ड और मोंस्टर डॉट कॉम से निकाले गए दस्तावेज बरामद किए हैं। ये गिरोह बाहरी युवाओं को रोजगार देने का वादा कर, उनसे लाखों पैसे ठगी करते थे।
बैंक खातों में करवाते थे कैश जमा
एसटीएफ की एसएसपी रिधिम अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड में प्राइवेट सेक्टर में नौकरी दिलवाने के नाम पर बेरोजगारों से ठगी किए जाने की सूचनाएं मिली थी। इसके बाद एसटीएफ ने बेरोजगार युवाओं को धोखा देने वाले इस गिरोह की धकपकड़ करने के लिए टीम गठित की। टीम सदस्यों ने ठगी का शिकार हुए लोगों से इस गिरोह सदस्यों के मोबाइल नंबर हासिल कर, सर्विलांस के जरिए उनकी लोकेशन की जानकारी हासिल की। साथ ही जिन बैंक खातों का प्रयोग कर ठगों ने बेरोजगारों से कैश जमा करवाया था, उनकी भी पूरी पड़ताल की गई। इस तरह जांच में कड़ी जुड़ती गई। फिर इस बात की पुष्टि हो गई की इंद्रपुर से बद्रीपुर रोड़ पर कुछ लोग दुकान किराए पर लेकर बेरोजगारों से लाखों का पैसा लेकर फर्जी कॉल सेंटर चला रहे है।
दक्षिण राज्यों में करते थे अपना प्रचार
एसएसपी ने अनुसार टीम ने रविवार को बद्रीपुर में छापा मारा और कॉल सेंटर से तीन लोगों को धर दबोचा। उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम दीपक परिदार निवासी विष्णु पुरम मोथरोवावा, आदेश सिंह निवासी बड़ोवाला, शिमला रोड़ और पंकज कपूर निवासी लेन नबंर 13 ओगल भट्टा क्लेमेंटटाउन बताया। दीपक परिदार इस गिरोह का सरगना है। जो मूलरूप से मध्य प्रदेश, रतनाम जिले के वागरो गांव का रहने वाला है। वह पिछले दो साल से देहरादून में आदेश और पंकज के साथ मिलकर युवाओं को नौकरी देने नाम पर ठगी कर रहा था। उन्होंने बताया कि दीपक बेहद शातिर है। वह पहले टाइम्स जॉब डॉट कॉम और मोस्टर डॉट कॉम पोर्टल से बेरोजगार युवाओं की डिटेल निकालता। फिर उन्हें फोन कर नौकरी दिलवाने का झांसा देकर पंजीकरण करवाने के नाम पर 1900 रुपये जमा करवाने को कहता। इतना ही नहीं, वह वेरिफेकेशन करने के नाम पर 5600 रुपये और अकाउंट खोलने की बात कह कर 10 हजार रुपये वसूल करता। बेरोजगारों से बैंक खातों में रुपये ऑनलाइन जमा करने को कहा जाता। एसएसपी के अनुसार गिरोह ने हजारों बेरोजगारों को झांसे में फंसाकर करीब एक करोड़ रुपये की ठगी की है। ये गिरोह दक्षिण राज्यों में अपने कॉल सेंटर का प्रचार वेबसाइट के जरिए करता था।