देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने गंगा को प्रदूषित करने वालों पर रोजाना 5000 का जुर्माना वसूलने के आदेश के बाद अब आॅलवेदर रोड का निर्माण करने वाली कंपनी को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं। काम करने वाली एजेंसी को मलबा सिर्फ निर्धारित स्थानों पर डालने की जगह भागीरथी नदी में डालने पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार द्वारा उठाए गए सवाल पर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि भागीरथी नदी में रोड का मलबा डालने पर कंपनी पर पहले भी एनजीटी के द्वारा 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
गौरतलब है कि प्रकाश पंत ने बताया कि उत्तरकाशी जिले में धरासू और नालूपानी के बीच आलवेदर रोड निर्माण के मलबे को भागीरथी नदी में डाले जाने के मामला सामने आने के बाद निर्माण कार्य में लगी एजेंसी से उसका पक्ष मांगा गया था। एजेंसी ने बताया कि मलबा को निर्धारित जगहों पर ही डंप किया जा रहा है। कंपनी ने कहा कि भूस्खलन होने की वजह से कुछ मलबा बहकर भागीरथी नदी में चला गया होगा।
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यहां बता दें कि प्रकाश पंत से सदन में कहा कि वे कार्यदायी एजेंसी और उत्तरकाशी के जिलाधिकारी को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि सड़क के मलबे को डंपिंग जोन में ही डाला जाए। ऐसा नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि नदी में मलबा डालने पर कंपनी पर एनजीटी के द्वारा पहले भी 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि नदी में मलबा डालने से वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है।