देहरादून। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने गंगा में खनन पर लगी रोक को हटाने वाली याचिका को खारिज कर दिया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में गंगा में खनन शुरू करने की याचिका उत्तराखंड वन विकास निगम और अन्य निजी कंपनियों ने दायर की थी। जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा इसके साथ ही याचिका खारिज कर दी।
गौरतलब है कि याचिकर्ताओं के खिलाफ बहस करते हुए अधिवक्ता अजयवीर सिंह ने कहा कि एनजीटी ने 26 फरवरी को ही एफआरआई को इस बात के निर्देश दिए थे कि वह गंगा में रेत खनन के मामले पर अध्ययन करे और अपनी रिपोर्ट दे। इसके साथ ही एनजीटी ने यह भी कहा था कि जब तक रिपोर्ट नहीं आती है उस समय तक खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाए।
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यहां बता दें कि अजय वर्मा नाम की शख्स द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद एनजीटी ने खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दी। अजय वर्मा ने अपनी याचिका में कहा था कि रेत और पत्थरों के अवैध खनन से पर्यावरण पर पारिस्थितिकी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। वहीं खनन माफिया भी काफी सक्रिय हो गए थे।
गौर करने वाली बात है कि गंगा में खनन पर रोक लगने से प्रदेश में विकास कार्य पर भी असर पड़ा है। ऐसे में उत्तराखंड वन विकास निगम के साथ कई कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में रोक को हटाने की याचिका दायर की थी।