हरिद्वार। गंगा रक्षा के लिए करीब 80 दिनों से अनशन कर रहे प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने केन्द्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि गंगा रक्षा के लिए उनके द्वारा तैयार किया गया ड्राफ्ट के आधार पर एक्ट नहीं बनाया गया तो वे 10 अक्टबूर से जल का भी त्याग कर देंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें सरकारी ड्राफ्ट पर भरोसा नहीं है क्योंकि सरकारी ड्राफ्ट में गंगा को व्यापार का माध्यम बना दिया है। जिसमें गंगा को पूरी तरह से सरकारी कर्मचारियों के हाथों में छोड़ दिया गया है। बता दें कि इससे पहले उनकी तबीयत बिगड़ने की वजह से उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था।
गौरतलब है कि गंगा की रक्षा के लिए स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद पिछले 2 महीने से ज्यादा समय से अनशन कर रहे हैं और सिर्फ नींबू पानी ही ले रहे हैं। अब उन्होंने कहा कि उन्हें जून में प्रधानमंत्री को गंगा की रक्षा को लेकर पत्र लिखा था लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला। अब उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 9 अक्टूबर तक उनके द्वारा तैयार ड्राफ्ट के आधार पर एक्ट नहीं बनाया जाता है तो वे 10 अक्टूबर से पूरी तरह से जल का भी त्याग कर देंगे। उन्होंने कहा कि गंगा को भगीरथ के तीन पीढ़ियों के भारी तप के बाद धरती पर लाया गया था। ऐसे में अगर उनकी मृत्यू से गंगा की रक्षा हो सकती है तो वे ऐसा भी करने के लिए तैयार हैं।
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यहां बता दें कि लगातार 80 दिनों से अनशन करने की वजह से कई बार उनकी हालत बिगड़ गई। उन्हें जबरन एम्स में भर्ती कराया गया लेकिन हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उन्हें वापस मातृसदन भेजा गया। भाजपा नेता उमा भारती ने भी उनसे मिलकर अनशन खत्म करने की अपील की लेकिन उन्होंने अपना अनशन नहीं तोड़ा। स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने कहा कि उन्हें सरकारी ड्राफ्ट पर भरोसा नहीं है, क्योंकि सरकारी ड्राफ्ट में गंगा को व्यापार का माध्यम बना दिया है जिसमें गंगा को पूरी तरह से सरकारी कर्मचारियों के हाथों में छोड़ दिया गया है।