देहरादून। उत्तराखंड में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सालों से नौकरी करने वाले एक और शिक्षक का पता चला है। मामला एसआईटी को सौंपे जाने के बाद से आरोपी शिक्षक फरार है। बताया जा रहा है कि सल्ट इलाके के राजकीय प्राथमिक विद्यालय भीताकोट (सिराली बूड़ाकोट) में प्रधानाध्यापक के पद पर पिछले 22 सालों से नौकरी कर रहा है। उसके प्रमाणपत्रों पर शक होने के बाद शिक्षा अधिकारी ने इसकी जांच एसआईटी को सौंपी। इसके बाद से ही आरोपी प्रधानाध्यापक फरार बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि एसआईटी की जांच में आरोपी प्रधानाध्यापक के हाईस्कूल एवं इंटमीडिएट के प्रमाण पत्र फर्जी मिले थे तब से वह निलंबित चल रहा है। आरोपी प्रधानाध्यापक 22 साल से दूसरे के रोल नंबर वाले प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी कर रहा था। एसआईटी को मामला सौंपे जोन की खबर के बाद से आरोपी शिक्षक फरार है। जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश के बाद राजस्व पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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यहां बता दें कि उत्तराखंड के कई जिलों में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी करने वालों का खुलासा हुआ था। इसमें सबसे ज्यादा हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में पाया गया था। आरोपी शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति कर दी गई है। बताया जा रहा है कि शिक्षक मूल रूप से उत्तरप्रदेश के बिजनौर का रहने वाला है। राजस्व पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 420, 467 और 468 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।