देहरादून। राज्य के इंटर काॅलेजों में प्रधानाचर्यों के खाली पड़े पदों के 50 फीसदी हिस्से को सीधी भर्ती के जरिए भरे जाने के सरकारी आदेश का विरोध होना शुरू हो गया है। राजकीय शिक्षक संघ भी इसके विरोध में खड़ा हो गया है। संघ ने कहा कि नियमावाली में प्रधानाचार्यों के पदों को सीधी भर्ती के जरिए भरने का प्रावधान ही नहीं है, ऐसे में सरकार का यह फैसला गलत है। राजकीय शिक्षक संघ ने सरकार को पदों की भर्ती के लिए एक उपाय भी सुझाया है। संघ ने कहा कि इन पदों की भर्ती के लिए सिर्फ एलटी और प्रवक्ताओं को ही पात्र माना जाए।
गौरतलब है कि राजकीय शिक्षा संघ ने कहना है कि सेवा नियमावली में प्रधानाचार्यों के पदों को सीधी भर्ती का प्रावधान ही नहीं है। इन पदों को प्रमोशन के आधार पर ही भरने का प्रावधान है। सरकार के फैसले का विरोध करते हुए राजकीय शिक्षक संघ ने कहा कि 400 से ज्यादा छात्रों वाले स्कूलों में उप प्रधानाचार्य के पदों को सृजित करने की भी मांग की है। इसके साथ ही प्रधानाचार्यों के पद पर प्रमोशन के शिथिलीकरण के प्रावधान को लागू करने की मांग की है।
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यहां बता दें कि शिक्षक संघ ने यह मांग भी की है कि अगर सरकार 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती के जरिए भरना चाहती है तो उसके लिए विभागीय एलटी और प्रवक्ताओं को ही पात्र माना जाए। इसके साथ ही इनके लिए उम्र सीमा भी खत्म करने की मांग की है। शिक्षा निदेशक ने राजकीय शिक्षक संघ की मांगों को शासन के सामने रखने का आश्वासन दिया है।