देहरादून। राज्य में शिक्षकों और सरकार के बीच अब भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में किए गए तबादलों को बहाल रखने की मांग लेकर प्रभावित शिक्षक देर शाम शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के आवास पर पहुंच गए। शिक्षा मंत्री के न मिलने पर वह आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए। वह शिक्षा मंत्री से मिलने की मांग कर रहे थे। देर रात शिक्षा मंत्री से फोन पर बात होने के बाद ही उन्होंने धरना खत्म किया। वहीं शिक्षा मंत्री ड्रेसकोड को लेकर अपने फैसले पर अडिग मंत्री ने कार्यक्रम पर जाने से मना कर दिया है। अब उनकी जगह वन मंत्री हरक सिंह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे।
गौरतलब है कि हरीश रावत सरकार में 24 नवंबर 2016 को सशर्त तबादलों के शासनादेश के तहत 500 बेसिक, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों का तबादला किया गया था। 25 अप्रैल 2018 को भाजपा सरकार ने बेसिक और जूनियर के शिक्षकों के तबादला आदेश निरस्त कर दिए थे। शिक्षकों का कहना है कि सरकार को शिक्षकों की पीड़ा को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि तबादला गंभीर रूप से बीमार और पारिवारिक परेशानियों से जूझ रहे शिक्षकों के ही तबादले हुए थे।
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यहां बता दें कि सरकार द्वारा तबादला आदेश को निरस्त करने के खिलाफ शिक्षकों के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने भी शिक्षा मंत्री से मुलाकात की है। मंत्री ने उन्हें जल्द ही समस्या का समाधान करने का भरोसा दिलाया है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के शिक्षा मंत्री का अंदाज ड्रेसकोड को लेकर फिर एक बार तल्ख दिखाई दे रहा है। आगामी 18 और 19 मई को कोटद्वार में आयोजित होने वाले राजकीय शिक्षक संघ के गढ़वाल मंडल के अधिवेशन में अब शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की जगह वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत मुख्य अतिथि होंगे।
गौर करने वाली बात है कि इस कार्यक्रम में अरविंद पांडे को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था लेकिन शिक्षा मंत्री ने सभी शिक्षकों को ड्रेसकोड में आने को कहा था जिसे शिक्षकों ने ठुकरा दिया। इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम में जाने से मना कर दिया अब उनकी जगह वन मंत्री डाॅक्टर हरक सिंह रावत को मुख्य अतिथि बनाया गया है।