देहरादून। प्रदेश में शिक्षकों का मामला सुलझता नजर नहीं आ रहा है। अब बेसिक से समायोजित होकर एलटी कैडर में आए 7 हजार शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। समायोजन को पदोन्नती बताने की वजह से इन शिक्षकों की वरिष्ठता शून्य हो गई है। ऐसे में अब इन्हें न तो चयन और प्रोन्नत वेतनमान का ही लाभ मिल पा रहा है और उनके हाथ से पदोन्न्ती के अवसर भी हाथ से निकल गए। इसके विरोध में शिक्षकों ने ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय पर धरना देकर अपना गुस्सा जाहिर किया है।
वरिष्ठता खत्म
गौरतलब है कि साल 2006 में बेसिक शिक्षा का परिषद से राजकीयकरण किया गया था। इसके बाद साल 2009 से बेसिक शिक्षक एलटी के 40 फीसदी पद पर समायोजित किए जाते रहे थे लेकिन 12 फरवरी 2014 को सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि समायोजन की प्रक्रिया प्रमोशन मानी जाएगी। इससे सभी की वरिष्ठता खत्म हो गई।
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आंदोलन की चेतावनी
आपको बता दें कि सरकार के इस आदेश के बाद 10 और उसके बाद 12 साल की निरंतर सेवा पर मिलने वाला चयन/प्रोन्नत वेतनमान नहीं मिल पा रहा है। साथ ही जूनियर हाईस्कूलों का दर्जा बढ़ाए जाने से हेडमास्टर पद पर पदोन्नत होने के मौके भी छिन गए। अब शिक्षकों से सरकार को चेतावनी दी है कि उनके इस मामले पर जल्द कोई कार्यवाही नहीं की गई तो वे राज्यभर में आंदोलन करेंगे। इसके साथ ही परीक्षा का बहिष्कार भी किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर तदर्थ शिक्षकों को चयन वेतनमान पर रोक, सीनियर-जूनियर शिक्षकों की वेतन विसंगति और रमसा शिक्षकों के वेतन भुगतान में देरी पर राजकीय शिक्षक संघ ने भी सरकार को आंदोलन करने की चेतावनी दी है।