देहरादून। उत्तराखंड के जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटकों को वनमंत्री डाॅक्टर हरक सिंह रावत ने एक बड़ा तोहफा दिया है। मंत्री ने कहा कि पार्क में वरिष्ठ नागरिकों और देशभर के 12 साल से कम उम्र के बच्चों को मुफ्त में एंट्री दी जाएगी। यह जानकारी उत्तराखंड वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन फॉर सीटीआर की शासी निकाय की बैठक में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए दी है।
गौरतलब है कि वनमंत्री डाॅक्टर हरक सिंह रावत ने कहा कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क की 3 श्रेणियां बनाई गई हैं। इसके तहत उत्तराखंड के निवासियों से 200 रुपये प्रति व्यक्ति, अन्य राज्यों के पर्यटकों से 500 रुपये और विदेशी पर्यटकों से 1000 रुपये प्रवेश शुल्क लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 12 साल तक के सभी भारतीय बच्चों और राज्य के वरिष्ठ नागरिकों से कार्बेट पार्क घूमने का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
यहां बता दें कि वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि पूरे प्रदेश की अब एक ही फाउंडेशन होगी, जो ‘फाउंडेशन फॉर वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन ऑफ उत्तराखंड’ के नाम से जानी जाएगी। इस फाउंडेशन के अध्यक्ष वनमंत्री और सचिव मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक होंगे। कॉर्बेट पार्क में इसके अध्यक्ष निदेशक और सचिव उपनिदेशक होंगे। अन्य प्रभागों में डीएफओ अध्यक्ष और एसडीओ सचिव नामित किए गए हैं। इस फाउंडेशन में रामनगर, कोटद्वार, सल्ट विधायक को भी सदस्य बनाया गया है। पार्क के प्रवेश द्वारों का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा।
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गौर करने वाली बात है कि उच्च न्यायालय ने इस बात के निर्देश दिए हैं कि अब कार्बेट पार्क से प्राप्त आय को पुरी तरह से पार्क के विकास के लिए ही खर्च किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले केवल 20 प्रतिशत राशि ही पार्क प्रशासन को खर्च के लिए मिलती थी और बाकी 80 प्रतिशत धनराशि प्रदेश सरकार के लिए राजस्व के रूप चली जाती थी। अब इस सारी धनराशि से पार्क की व्यवस्था और सुरक्षा पहले के मुकाबले पुख्ता होगी। पार्क के अंदर रात्रि विश्राम करने वालों को अब अपनी जेब थोड़ी ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। रात्रि विश्राम भी तीन दरों 2 हजार, 4 हजार और 8 हजार रुपये कर दिया गया है। हाउस कीपिंग जो 600 रुपये हुआ करती थी, उसे हटा दिया गया है, जीएसटी अलग से देय होगी।
डाॅक्टर हरक सिंह रावत ने बताया कि कार्बेट पार्क घूमने आने वाले सैलानियों को हाथी पर जंगल का नजारा दिखाया जाएगा। इसके लिए 10 हाथी कर्नाटक से मंगाए जाएंगे और सीटीआर के आसपास के क्षेत्र के लोगों को रोजगार देने के लिए विभाग 50 जिप्सी वाहन परमिट जारी करेगा। साथ ही 25 गाइडों को भी स्थानीय स्तर पर रोजगार दिया जाएगा।
वन्यजीवों के संरक्षण पर मिलेगा पुरस्कार वन्यजीव के संरक्षण के लिए कार्य करने वालों को प्रथम पुरस्कार के रूप में 1 लाख, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 50 हजार और तृतीय पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही ड्यूटी के दौरान मारे गए वनकर्मियों को कंजर्वेशन की तरफ से 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।