देहरादून।उत्तराखंड की राजनीति में चुनाव से पहले उथल-पुथल मची है। कांग्रेस के नेताओं के बाद बीजेपी के नेताओं ने भी पार्टी को झटका दिया है। टिकट न मिलने और अनदेखी के कारण भाजपा के तीन पूर्व विधायक ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी छोड़ने वालों में रुड़की से दो बार विधायक रहे सुरेश जैन, नरेंद्रनगर से ओमगोपाल रावत और कोटद्वार के पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत शामिल हैं।
तीन पूर्व विधायकों ने दिया इस्तीफा
गौरतलब है कि सुरेश जैन ने पार्टी पर नीति से हटकर काम करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया है। वहीं कोटद्वार के पूर्व विधायक शैलेन्द्र रावत ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा गया है कि अवसरवादी राजनीति और परिवारवाद के चलते उनकी अनदेखी की जा रही है। इस वजह से वेा पार्टी छोड़ रहे हैं। नरेंद्रनगर के पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अब वे नरेंद्रनगर से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।
महिला मोर्चा में भी नाराजगी
आपको बता दें कि प्रदेश टिकट बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा भी खासी नाराज है। महिला मोर्चा की अध्यक्ष नीलम सहगल ने पार्टी से मोर्चा की तरफ से सुझाए नामों पर फिर से विचार करने की मांग की है। खबरों के मुताबिक मोर्चा की ओर से पूरे उत्तराखंड से करीब दो दर्जन महिला पदाधिकारियों के लिए टिकट मांगा था लेकिन सिर्फ एक को ही टिकट मिल पाया वो भी उसे मिला जिसका नाम पैनल में था ही नहीं। इसी बात का लेकर महिला मोचज्र्ञ ने पार्टी मुख्यालय में बैठक की और पार्टी नेतृत्व से महिला नेताओं के दावों पर फिर से विचार करते हुए, उन्हें टिकट देने की मांग की। नीलम सहगल ने कहा कि महिला मोर्चा ने हर कदम पर खुद को साबित किया है, इसलिए टिकट बंटवारे में इस बात की भी ध्यान रखा जाना चाहिए। अन्य कई नेताओं को भी टिकट न मिलने से कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट और प्रदेश से केन्द्रीय मंत्री अजय टम्टा के खिफला जमकर नारेबाजी की।