देहरादून। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मामले पर एनजीटी की सख्ती के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी इसके लिए उपाय करने शुरू कर दिए हैं। राज्य के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद प्रदेश में प्रदूषण को कम करने के लिए 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को सड़कांे से हटाया जाएगा। इसके साथ ही राज्य को प्रदूषण मुक्त करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन चलाए जाएंगे। वहीं यातायात व्यवस्था को और दुरुस्त करने और नियमों को तोड़ने वालों का अब ई-चालान किया जाएगा।
गैस पाइप लाइन बिछाने का काम
गौरतलब है कि सड़कों पर लगातार बढ़ती गाड़ियों की तादाद से प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ती जा रही है। इसके लिए प्रदेश के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने इलेक्ट्रिक वाहन चलाने पर जोर दिया है। प्रदूषण को कम करने के लिए उन्होंने फिलीपींस की राजधानी का उदाहरण देते हुए कहा कि इसके लिए जागरूकता की जरूरत है। प्रदूषण को कम करने के लिए हर व्यक्ति की भागीदारी पर जोर देत हुए कहा कि अगर ऐसा हेगा तो वातावरण सुरक्षित रहेगा। बता दें राज्य में सीएनजी से चलने वाले वाहनों की शुरुआत के लिए जल्द ही हरिद्वार से देहरादून के लिए गैस पाइपलाइन बिछाई जाएगी। प्रदूषण से बचाव के लिए पुराने टू स्ट्रोक विक्रम और बसों के बदले फोर स्ट्रोक इंजन वाले विक्रम और बसें चलाने पर भी सरकार विचार करेगी।
ये भी पढ़ें - हाईकोर्ट ने दिया ऊर्जा निगमों की परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों को झटका, बिना आदेश परीक्षा...
ई-चालान होगा
आपको बता दें कि राज्य में यातायात व्यवस्था को सुधारने और नियमों का उल्लंघन करने वालांे का ई-चालान किया जाएगा। परिवहन विभाग जल्द ही इसकी शुरुआत करने जा रहा है। अपर परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह ने कहा कि ई-चालान एंड्राॅयड आधारित मोबाइल साॅफ्टवेयर है जो वाहन एवं सारथी नेशनल पोर्टल से जुड़ा हुआ है। इसके साॅफ्टवेयर को जीपीएस से भी जोड़ा जाएगा ताकि नियमांे का उल्लंघन करने वालांे का वास्तविक स्थान,समय और तारीख की जानकारी भी मिल सकेगी। इस साॅफ्टवेयर में वाहन के फोटो लिए जाने की भी सुविधा है जिससे पंजीयन नंबर पर सही चालान किया जा सकेगा।