देहरादून। उत्तराखंड में स्थानीय लोगों और पर्यटकों को ‘ओला’ कैब की सुविधा नहीं मिलेगी। जी हां, परिवहन विभाग ने सभी आरटीओ और एआरटीओ को इस बात के निर्देश दिए हैं कि मोबाइल एप से बुक होने वाली ओला कैब के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। गौर करने वाली बात है कि उत्तराखंड में टैक्सी यूनियन एक लंबे समय से ओला के संचालन को नियमविरूद्ध बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही थी। इसके बार अपर परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह ने दून, पौड़ी, हल्द्वानी और अल्मोड़ा के आरटीओ-एआरटीओ को ओला पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि अपर परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह ने एप आधारित ओला कैब सर्विस केा अवैध बताया है। उन्होंने कहा कि इसके संचालन के लिए 50 हजार आवेदन और 2 लाख रुपये प्रत्याभूति जमा कराना जरूरी है और ये औपचारिकताएं किसी भी व्यक्ति या कंपनी ने पूरी नहीं की है। ऐसे में इसे चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
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यहां बता दें कि पहाड़ों में यात्रा को सुगम बनाने और यात्रियों को उनके घर बैठे ही कैब की सुविधा मुहैया कराने के मकसद से ओला ने अपनी सर्विस शुरू की थी लेकिन नियमों का पालन नहीं करने की वजह से संचालन पर रोक लगाने की मांग टैक्सी यूनियन के द्वारा की जा रही थी। टैक्सी यूनियन की मांग पर अपर परिवहन सचिव सुनीता सिंह ने इसके संचालन को बंद करने का आदेश दिया है। अपर परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह ने दून, पौड़ी, हल्द्वानी और अल्मोड़ा के आरटीओ-एआरटीओ को ओला पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।