देहरादून। उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश से पर्यटन प्रदेश बनाने की कवायद तेज कर दी गई है। पर्यटन के जरिए राज्य की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बुधवार को टिहरी झील में फ्लोटिंग बोट पर कैबिनेट की मीटिंग हुई। इस बैठक में राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर मुहर लगाई गई। पर्यटन को एक उद्योग का दर्जा देते हुए एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग) पॉलिसी में संशोधन पर मुहर लगाई गई। वहीं रोजगार के नए मौके सृजित करने के लिए भी कई योजनाओं को हरी झंडी दी गई है।
गौरतलब है कि पहली बार टिहरी झील में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना का दायरा बढ़ाकर क्याकिंग, टेरेनबाइकिंग, कैरावैन, एंग्लिंग, स्टार गेसिंग, बर्ड वॉचिंग, फ्लोटिंग होटल निर्माण, बेकरी, लॉंन्ड्री समेत 11 नई गतिविधियों को जोड़ा गया है। बजट सत्र की महत्वाकांक्षी घोषणा के मुताबिक 13 जिलों में 13 नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने को मंजूरी दी गई।
यहां बता दें कि कैबिनेट की बैठक में कई बिंदु विचार के लिए रखे गए थे लेकिन थराली विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने की वजह से जोशीमठ क्षेत्र से जुड़े एक बिंदु को स्थगित कर दिया गया। एमएसएमई पाॅलिसी के तहत अब कायाकल्प रिजॉर्ट, आयुर्वेद, योग, पंचकर्मा, बंजी जंपिंग, जॉय राइडिंग, सर्फिंग, कैंपिंग और राफ्टिंग जैसे उद्यम आएंगे। इस क्षेत्र में आने वाले उद्यमियों को इस नीति के तहत हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
ये भी पढ़ें - पौड़ी में भी हुआ एक बड़ा सड़क हादसा, कार गिरी खाई में, एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत
कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी तवज्जो दी गई। मेगा इन्वेस्टमेंट इंडस्ट्रियल पॉलिसी के तहत आयुष और वेलनेस को लाया गया है। इसमें होटल, रिजॉर्ट, क्याकिंग, सी प्लेन उद्योग, आयुर्वेद, योग जैसी 22 गतिविधियां को शामिल किया गया है। इन गतिविधियों के लिए आने वाले उद्यमों को सरकार की ओर से कई लाभ मिलेंगे।