कोटद्वार । राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 534 (नजीबाबाद-बुआखाल) में गैस सिलेंडरों से भरे एक ट्रक का टायर फटने के बाद टायर में आग लग गई। आग तेजी से बढ़ते हुए पूरे ट्रक को अपनी चपेट में ले बैठी। इसके बाद ट्रक में लदे 288 सिलेंडर धमाकों के साथ जलने लगे। आग बेकाबू होती देख ट्रक का चालक वाहन से उतरकर दूर खड़ा हो गया। इस दौरान उसने लोगों को ट्रक के करीब जाने से रोका। इस बीच गैस सिलेंडर जोरदार धमाकों के साथ आसमान में उछलते हुए पहाड़ों पर गिरने लगे। इन धमाकों की गूंज कुछ इस तरह थी मानों तोपों से गोले दागे जा रहे हों, जिन्हें सुनकर गांवों में रहने वाले लोग दहशत में आ गए। कुछ ही मिनटों में पूरे ट्रक को आग ने अपनी चपेट में ले लिया, लेकिन सिलेंडरों का रुक-रुककर धमाकों के साथ हवा में उछलने का क्रम जारी रखा। घटना की सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची, जिसने आग पर काबू पाया।
बता दें कि नजीबाबाद से बुआखाल राजमार्ग पर एक ट्रक संख्या UK12-CB/1300 गैस सिलेंडर लेकर आ रहा था। एक मोड़ पर उनका टायर जोरदार धमाके के साथ फट गया। वाहन चालक ने नीचे उतरकर देखा तो पाया कि टायर पर आग लग गई थी। उसने आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन वह असफल रहा । इतने में आग इतनी तेजी से फैली की ट्रक को अपने चपेट में ले लिया। चालक कुछ समय पाता इससे पहले आग पीछे रखे भरे हुए गैस सिलेंडरों तक पहुंच गई । मौके की नजाकत को समझते हुए वह ट्रक से दूर जाकर खड़ा हो गया और लोगों को ट्रक के करीब जाने से रोकने लगा।
इस दौरान एक जोरदार धमाके के साथ एक सिलेंडर हवा में उड़ता दिखाई दिया। धमाका इतनी जोर का था कि उसकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। धमाके के चलते राजमार्ग पर दोनों ओर वाहन रूक गए । इसके बाद एक-एक कर कई सिलेंडर जोरदार धमाके के साथ हवा में उड़ते रहे।
उधर घटना की सूचना पाकर कोटद्वार से फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची लेकिन तब तक कई सिलेंडर जल चुके थे, कई धमाकों के साथ उड़कर दूर पहाड़ों पर जा गिरे थे। हालांकि फायर ब्रिगेड की टीम ने ट्रक पर लगी आग को बुझाया । इस दौरान कुछ लोगों ने जले हुए सिलेंडरों को नीचे खाई में फेंक दिया। इस सब के बीच पुलिस ने कोटद्वार -पौड़ी मार्ग पर वाहनों को रोक दिया था, वहीं लैंसडौन-जयहरीखाल मार्ग में भी बदलाव कर दिया गया।
वहीं जोरदार धमाके के साथ गैस सिलेंडरों के हवा में उड़ने के दौरान आवाजें कई किलोमीटर दूर तक सुनी गईं । घटनास्थल के करीब के गांव के लोग इन आवाजों को सुनकर दहशत में आ गए। लोग फोन करके एक दूसरे से इन धमाकों के बारे में पूछने लगे। गांवों में चर्चा होने लगी कि कहीं पाकिस्तान ने तो उत्तराखंड में बम फेंकना शुरू नहीं कर दिया, लेकिन जल्द ही लोगों को सच्चाई का पता चला तो उन्होंने राहत की सांस ली।