देहरादून। राज्य सरकार कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए यू-हेल्थ कार्ड योजना अनिवार्य करने जा रही है। अब नए भर्ती वाले हर कर्मचारी के नियुक्ति पत्र में यू-हेल्थ कार्ड को अनिवार्य रूप से स्वीकार करने की शर्त जोड़ी जाएगी। इसके लिए सेवा नियमावली में सरकार बदलाव करने की तैयारी में है। बता दें कि गैरसैंण में हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में काफी समय से लंबित स्वास्थ्य का यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया था। सरकार की लचर नीति के चलते बहुत की कम कर्मचारियों ने यू-हेल्थ कार्ड के लिए अपना पंजीकरण कराया था लेकिन अब सरकार इसे बड़े पैमाने पर लागू करने जा रही है।
अंशदान करना होगा
गौरतलब है कि गैरसैंण में विपक्ष के द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि यू-हेल्थ कार्ड योजना के लिए एक करोड़ रुपये की धनराशि का भी इंतजाम कर लिया गया है। बता दें कि यू-हेल्थ कार्ड सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों की सुविधा के लिए है। उन्हें और उनके आश्रितों को इससे कैशलेस मेडिकल सुविधा मिलेगी। इसके लिए उन्हें अपने वेतन से कुछ अंशदान भी करना होगा। यह अंशदान मूल वेतन से ही किया जाएगा और बमुश्किल आधा से पौन प्रतिशत ही होगा।
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ऐसी होगी व्यवस्था
प्लास्टिक कार्ड की तरह बनाया जाएगा और आधार से लिंक होगा
कर्मचारी के मूल वेतन से 0.75 प्रतिशत की कटौती की जाएगी
रिटायर कर्मचारी को मूल वेतन का 0.50 फीसदी देना होगा
परिवार की परिभाषा में आने वाले आश्रितों को ही फायदा
स्वास्थ्य महानिदेशक कार्यालय के नोडल सेल से होगा संचालन