हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) से कोर्स करने वाले छात्रों को एक बड़ा झटका लगा है। यूजीसी के ओपन एंड डिस्टेंस एजुकेशन पाठ्यक्रमों को मान्यता देने वाली कमेटी डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो ने विश्वविद्यालय में संचालित सिर्फ 77 कोर्स में से 72 कोर्स की मान्यता रद्द कर दी है। इसका मतलब यह हुआ कि अब यहां सिर्फ 5 पाठ्यक्रमों को ही पढ़ाया जाएगा। ऐसे में यूओयू में हर साल दाखिला लेने वाले करीब 20 हजार छात्रों के भविष्य पर तलवार लटक गई है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा के अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के 42 और डिप्लोमा के 35 कोर्स चलाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है फिलहाल विश्वविद्यालय में 68 हजार छात्र हैं जबकि हर साल करीब 20 हजार नए छात्र दाखिला लेते हैं। पिछले साल 10 अगस्त तक दाखिले की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी लेकिन इस बार अभी तक कोर्स को मान्यता नहीं मिलने से दाखिले की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।
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यहां बता दें कि किसी भी विश्वविद्यालय में कोर्स को मान्यता देने से पहले यूजीसी की टीम वहां का दौरा करती है और सभी मानकों की जांच करने के बाद ही मान्यता दी जाती है। बता दें कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में फैकल्टी की कमी के चलते कोर्स को मान्यता नहीं दी गई है। गौर करने वाली बात है कि जिन छात्रों को संस्थागत या जो छात्र प्राईवेट से परीक्षा देना चाहते हैं उनके लिए यूओयू के अलावा दूसरा विकल्प नहीं बचता है। इस वजह से यहां छात्रों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर सी मिश्रा ने कहा कि यूजीसी से अभी सिर्फ 5 कोर्स की अनुमति मिली है। विश्वविद्यालय की ओर से जल्द ही यूजीसी में प्रत्यावेदन किया जाएगा, ताकि जल्द से जल्द ही सभी पाठ्यक्रमों को संचालित करने की मान्यता मिल सके।