देहरादून। ऐसा लगता है कि सत्ता में आने के बाद उत्तराखंड में भाजपा नेताओं पर सत्ता का नशा चढ़ गया है। ऐसे में वे जानबूझ कर या अंजाने में नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। काशीपुर में आयोजित भाजपा कार्यसमिति की बैठक में आयोजकों के द्वारा मंच पर आए नेताओं को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए जिसमें एक ओर अशोक स्तंभ का लाट छपा हुआ था और दूसरी तरफ भाजपा की प्रतीक चिन्ह कमल फूल बना हुआ था। ये प्रतीक चिन्ह भाजपा के सह महामंत्री (संगठन) शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू और मु्ख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत अन्य अतिथियों को भेंट किए गए। बता दें कि निजी कार्यक्रमों में राष्ट्रीय प्रतीकों का इस्तेमाल कानूनन अपराध है। ऐसे में प्रदेश भाजपा पर कार्रवाई की जा सकती है।
गौरतलब है कि काशीपुर में भाजपा कार्यसमिति की बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में प्रदेश के साथ की केन्द्रीय नेताओं ने भी शिरकत की थी। बैठक के आयोजकों के द्वारा मंच पर बैठे लोगों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए थे जिनमें एक तरफ अशोक का लाट बना हुआ था और दूसरी तरफ पार्टी का निशान था। अशोक की लाट का इस तरह से इस्तेमाल भारत के राज्य प्रतीक चिन्ह (अनुचित उपयोग का निषेध) अधिनियम-2005 के तहत कानूनन अपराध है। इसके दुरुपयोग पर कानून में सजा का भी प्रावधान है।
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यहां बता दें कि किसी भी निजी कार्यक्रमों में राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल करना प्रतीक अधिनियम का उल्लंघन है और इसके तहत पार्टी के ऊपर कार्रवाई भी की जा सकती है। कानून के जानकारों का कहना है कि कोई भी निजी व्यक्ति, संस्था या कोई सियासी दल अशोक की लाट का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। नाम के इस कानून में साफ कर किया गया है कि भारत के प्रतीक चिन्ह का कोई भी निजी तौर पर इस्तेमाल नहीं कर सकते। ऐसा करने पर इस कानून के उल्लंघन पर सजा के साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है। अगर कोई प्रतीक चिह्न का गलत इस्तेमाल करता है तो इसी अधिनियम की धारा-7 में 2 साल तक की सजा और 5 हजार रुपये के जुर्माने के साथ दंड का भी प्रावधान है।