देहरादून। उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लाने की कोशिशों में जुटी सरकार को केन्द्र ने एक झटका दिया है। केन्द्र सरकार ने उत्तराखंड राज्य शिक्षा बोर्ड को खत्म कर राज्य में सीबीएसई बोर्ड को लागू करने का प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। केंद्र का कहना है कि यह प्रस्ताव व्यावहारिक नहीं है। यहां बता दें बीते दिनों राज्य के शिक्षा मंत्री ने उत्तराखंड बोर्ड को समाप्त कर सीबीएसई बोर्ड लागू करने का प्रस्ताव सीबीएसई को भेजा था। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बात में सीबीएसई के अध्यक्ष ने प्रस्ताव मिलने की बात भी कही थी लेकिन अब इसमें बड़ा परिवर्तन हो गया है।
व्यावहारिक प्रस्ताव नहीं
गौरतलब है कि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सीबीएसई एक स्वायत्त शिक्षा बोर्ड है और उसे किसी राज्य के शिक्षा बोर्ड का स्थान लेने को नहीं कहा जा सकता है। वहीं सीबीएसई के लिए भी यह मुमकिन नहीं है कि वह किसी एक राज्य के सभी स्कूलों को एक साथ मान्यता दे दे। ऐसे में उत्तराखंड सरकार का यह प्रस्ताव व्यावहारिक नहीं है। इसलिए इसे अनुमति नहीं दी जाएगी।
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उत्तराखंड की मांग
आपको बता दें कि पिछले दिनों एक बैठक के दौरान उत्तराखंड की तरफ से केंद्र से यह मांग की गई थी। केंद्रीय स्कूल शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने कहा, यदि उत्तराखंड राज्य शिक्षा बोर्ड के सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध कराना चाहता है तो सभी स्कूलों को अपने-अपने स्तर पर मौजूदा तय प्रक्रिया के तहत आवेदन करना होगा। उन स्कूलों के स्तर को देखते हुए उन्हें मान्यता दी जाए या नहीं इसका फैसला करने का अधिकार सीबीएसई के पास है।