देहरादून। केन्द्र सरकार की तरफ ये पहाड़ी राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने और प्रदूषण कम करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं। अगर सरकार की कोशिशें सफल होती हैं तो जल्दी ही उत्तराखंड से हिमाचल और जम्मू-कश्मीर तक हवा में चलने वाले ट्रैफिक सिस्टम से जुड़ जाएंगे। इसके तहत रोपवे, केबल कार के जरिए कनेक्टिविटी होगी। इस व्यवस्था के शुरू होने से सड़कों पर वाहनों का दवाब कम होगा वहीं सैलानियों की आमद में भी इजाफा होगा। बता दें कि अभी केंद्र सरकार ने मैकेंजी संस्था के जरिए उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में सर्वे कराया है, जिसने ऐसे करीब सौ जगहों की पहचान की गई है।
हवा में चलने वाला सिस्टम
गौरतलब है कि विदेशों खासकर स्विटजरलैंड समेत कई देशों में सैलानियों को आकर्षित करने के लिए केबल कार, रोपवे को काफी महत्व दिया जाता है। केन्द्र सरकार अब इसी तर्ज पर कदम बढ़ाने जा रही है। बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस कड़ी में उत्तराखंड के औली सहित अन्य स्थानों और हिमाचल प्रदेश में मैकेंजी संस्था के जरिये सर्वे कराया गया है। मैकेंजी ने दोनों राज्यों में ऐसे 100 जगहों की पहचान की गई है जहां रोपवे, केबल कार आदि के जरिए हवा में चलने वाला सिस्टम विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस कड़ी में उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर को जोड़ने की योजना पर मंथन चल रहा है। यह केंद्र और राज्य सरकारों का संयुक्त उपक्रम होगा और इसके लिए जल्द ही नीति तैयार की जाएगी।
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राज्य की झीलों में उतरेगा सी-प्लेन
उत्तराखंड की टिहरी झील समेत अन्य झीलों और तालाबों में सी-प्लेन भी उतरेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक इस सिलसिले में राज्य सरकार से रिवर और वाटर पोर्ट के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सी प्लेन को लेकर 3 महीने में नियम तैयार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना गंगा और इलाहाबाद में अगले साल लगने वाले कुंभ मेला के दौरान गंगा में सी प्लेन उतारने की योजना है।