देहरादून। महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा मामले में वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड पुलिस भी पूरी तरह से अलर्ट हो गई है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड पुलिस के सतर्क होने के पीछे वजह यह है कि वामपंथी नेताओं के पास से जो पत्र मिले हैं उनमें एक पत्र माओवादी नेता प्रशांत राही का भी है। बताया जा रहा है कि प्रशांत राही को पुलिस ने उत्तराख्ंाड से ही गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र पुलिस ने भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा और पीएम नरेन्द्र मोदी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में 5 वामपंथी नेताओं को गिरफ्तार किया है। इन नेताओं के पास से पुलिस को जो दस्तावेज और पत्र मिले हैं उनमें से एक पत्र उत्तराखंड में सक्रिय रहे माओवादी नेता प्रशांत राही का भी है। इस पत्र में उसने देश भर की जेलों में बंद माओवादी नेताओं की रिहाई के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने की अपील की है। बताया जा रहा है कि इसके लिए माओवादी संगठनों ने करीब 45 लाख रुपये जमा भी कराए हैं।
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यहां बता दें कि प्रशांत राही साल 2004 में कुमाऊं में पहली बार माओवादी शिविर चलाने के बाद पुलिस के राडार पर आया था। इसके बाद साल 2007 में उत्तराखंड पुलिस ने उसे ऊधमसिंह नगर से गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह गढ़चिरौली की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। जानकारी के अनुसार वह जेल से ही माओवादी विचारधारा की लड़ाई लड़ रहा है। प्रशांत राही ने आरोप लगाते हुए कहा कि माओवादियों के साथ जेलांे में काफी बुरा व्यवहार किया जा रहा है। वह अपने लोगों से इसका सर्वे करा इसकी रिपोर्ट तैयार कराना चाहता है। इस रिपोर्ट को उसने इंटरनेशनल पीपल्स ट्रिब्यूनल (आईपीटी) में भेजने की बात भी पत्र में कही है।